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रेल से यात्रा करने वालों के लिए एक खुशखबरी है. यात्रियों की सुविधा के लिए एक नई सेवा की शुरुआत की गई है. इसके तहत ट्रेन में सफर कर रहे आरएसी और वेटिंग टिकट वालों को कंफर्म टिकट आसानी से मिल सकेगा. रेलवे ने देश भर के टीटीई को एक टैबलेट डिवाइस देने जा रही है, जिसकी मदद से वो चलती ट्रेन में सीटों की उपलब्धता के बारे में रियल टाइम बेसिस पर जानकारी अपडेट करा सकेंगे.
भारतीय रेलवे ने अपने ट्रेवलिंग टिकट एग्जामिनर को स्मार्ट बनाने की पूरी तैयारी कर ली है. भारतीय रेलवे ने जो टेबलेट डिवाइस अपने टीटीई को देने जा रही है, उसे डिवाइस को हैंड-हेल्ड टर्मिनल्स (HHTs) कहा जाता है. इसकी शुरुआत भारतीय रेलवे शताब्दी और राजधानी जैसे प्रीमियम ट्रेनों के साथ करने जा रही है. रेल मंत्रायल के एक अधिकारी के मुताबिक, “हम भारतीय रेलवे नेटवर्क 550 HHTs के साथ शुरुआत कर रहे हैं और रिस्पॉन्स के आधार पर इसे और ट्रेनों के रिजर्व कोच तक बढ़ाया जाएगा.”
हैंड-हेल्ड टर्मिनल्स डिवाइस के जरिए टीटीई अब चलती ट्रेन में रियल टाइम ऑक्यूपेंसी चेक कर सकते हैं. ऐसे में वेटिंग और आरएसी टिकट के कंफर्म होने की गुंजाइश बढ़ जाएगी. इस डिवाइस की बदौलत जीपीआरएस के जरिए चार्ट और मौजूदा बुकिंग के बारे में तुरंत जानकारी मिल सकेगी. इसके साथ ही यह बीच में पड़ने वाले छोटे स्टेशनों के चार्ट को भी डाउनलोड कर सकेगा, जिससे वहां के रिजर्वेशन की भी जानकारी हासिल होगी. इससे हर घंटे की लिस्ट को अपडेट किया जा सकेगा. यात्री किसी भी कोच में यात्रा कर रहा हो, उसके ट्रेन में होने की सूचना किसी भी डिवाइस से भेजी जा सकेगी. अगर किसी वजह से किसी यात्री की ट्रेन छूट जाए या चार्ट की तैयारी से पहले यात्री अपना टिकट कैंसिल कर दे तो बाद के स्टेशनों पर वेटिंग/आरएसी वाले यात्रियों को रिजर्व सीट मिल जाएगा.
इसके अलावा ट्रेन में मौजूद बेटिकट यात्रियों का टिकट भी इस डिवाइस के जरिए आसानी से बनाया जा सकेगा. ऐसे में यात्री डेबिट या क्रेडिट कार्ड से टिकट का पेमेंट कर सकेंगे.
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