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जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी सरकार से उनकी नौकरी बचाने की गुहार लगा रहे हैं. बुधवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर जेट एयरवेज के सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी नौकरियां बचाने की अपील की है.
जेट एयरवेज का ऑपरेशन ठप हुए 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. कर्मचारियों को पिछले कुछ महीनों से सैलरी नहीं मिली है. एयरलाइन के पायलट और इंजीनियरों का कहना है कि पिछले 5 महीनों से उनका सैलरी बकाया है. वहीं लोडिंग डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि दो महीने से उनकी सैलरी लटकी हुई है.
आशीष की तरह ही, 23 साल के सुनील, जो पिछले तीन साल से जेट एयरवेज में लोडर के तौर पर काम कर रहे हैं, इस बात को लेकर परेशान हैं, कि वह इस महीने का खर्चा कैसे चलाएंगे. सुनील के माता-पिता किसान हैं, जोकि सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में रहते हैं, सुनील अपने परिवार में कमाने वाले इकलौते शख्स हैं.
सुनील ने बताया-
जेट एयरवेज के कर्मचारियों का ताजा प्रदर्शन एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल के इमोशनल लेटर लिखने के ठीक एक दिन बाद आया है. नरेश गोयल ने एयरलाइन के कर्मचारियों को एक इमोशनल लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई थी कि 'बीएलआर की समय सीमा के अनुसार 10 मई 2019 को सकारात्मक परिणाम आएगा'.
गोयल ने लेटर में यह भी कहा है कि उन्होंने समूह की एक कंपनी से बैंकों को 250 करोड़ रुपये दिलवाए और एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइन को बचाने की कोशिश की. लेकिन कर्मचारियों को यकीन नहीं हो रहा है.
एक अन्य इंजीनियर, तमाल सेन ने कहा, "इसी तरह की चीजें कई जगहों से आई हैं, लेकिन हम एक्शन चाहते हैं क्योंकि यही एकमात्र चीज है जो किसी व्यक्ति के वास्तविक इरादों के बारे में बताएगी. जब तक कि शब्द एक्शन में नहीं बदल जाते, तब तक शब्दों का कुछ भी मतलब नहीं है.”
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