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शीना बोरा की हत्या के आरोपियों के कॉल डेटा रिकॉर्ड्स (CDR) की गहन जांच के बाद यह सामने आया है कि शीना 24 अप्रैल की शाम 9:20 बजे तक नहीं, तो कम से कम 8:30 बजे तक जिंदा थी. उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी सहित तीन लोगों ने कथित रूप से उसकी हत्या कर दी.
24 अप्रैल, 2012 को मुंबई में मौजूद इंद्राणी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना, ड्राइवर श्यामवर राय और इंद्राणी के बेटे मिखाइल बोरा के सीडीआर में उनका अलग-अलग जगहों पर होना मुंबई पुलिस और सीबीआई के इस अनुमान पर संदेह पैदा कर रहा है कि शीना की हत्या एक ओपल एस्ट्रा कार के अंदर, पाली हिल में 6:30 से 7:30 बजे के बीच की गई थी.
19 नवंबर को पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर दायर की गई सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक:
पहला सीन
शीना को पानी की बोतल दी गई, जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था. जब नशे का असर हुआ, तो इंद्राणी ने उसे दबोच लिया और खन्ना ने उसके बाल पकड़ लिए. राय ने भी हत्या में मदद की और इस दौरान शीना ने उसकी बांह में काट लिया.
चार्जशीट के मुताबिक अगले दिन ये तीनों शीना की लाश, जो कि उसी कार में बैठने की अवस्था में रखी गई थी, को रायगढ़ के जंगल में ले गए और वहां जाकर उसे जला दिया.
सीबीआई ने खन्ना के CDR को पहली चार्जशीट में इस्तेमाल नहीं किया. इससे पता चल सकता था कि खन्ना पाली हिल, या बांद्रा के लिंकिंग रोड पर था या नहीं.
इस जानकारी का दबा लिया जाना, 24 अप्रैल 2012 को मुखर्जी के मार्लो अपार्टमेंट में होने या न होने की जानकारी या फिर इंद्राणी के INX के पूर्व सहकर्मी समीर बुद्धा की उस दिन की भूमिका पर जांच न किए जाना, कुछ ऐसे सवाल हैं जो सीबीआई की इस जांच की पोल खोलते हैं.
इसके साथ ही इंद्राणी और राय की CDR से पता चलता है कि जिस समय सीबीआई हत्या का दावा कर रही है (6:30 से लेकर 7:30 तक), उस समय आरोपी फोन पर गतिविधियों में व्यस्त थे, जिससे इस बात का भी अंदेशा होता है कि हत्या उस रात बाद में किसी और जगह पर हुई थी.
सीबीआई ने उस एमरसंस शोरूम का कोई बिल भी नहीं लगाया है, जहां इंद्राणी का दावा है कि उसने शीना के लिए साड़ी खरीदी थी.
सीन 2
संभावना है कि यहां दूसरा सीन था, जब शीना रात 9:27 पर ताज लेंड्स एंड होटल से मार्लो (फीटर मुखर्जी का घर) पहुंचीं, समीर बुद्धा उनके साथ थे. मिखाइल पहले से मार्लो में थे और शराब पी रहे थे.
अगर हत्या के दिन मिखाइल ने इंद्राणी को जिस तरह के ईमेल भेजे थे, उन्हें ध्यान में रखा जाए और यह माना जाए कि शीना उस दिन मार्लो गई थीं, तो क्या सीबीआई इस हत्या में मिखाइल की भूमिका के बारे में निश्चित है?
सीबीआई ने मिखाइल के बयानों की अनियमितताओं पर लीपा-पोती कर दी है. उदाहरण के लिए मिखाइल ने दावा किया कि उसने 25 अप्रैल की सुबह 2:30 बजे उसने इंद्राणी को मार्लो से निकलते देखा, जबकि CDR के मुताबिक इंद्राणी वहां 24 की रात 10 बजे से 25 की सुबह 4 बजे तक अपने घर में थीं. और 25 की सुबह 2:30 पर उन्होंने अपने पति पीटर मुखर्जी से फोन पर लंबी बातचीत की.
क्या शीना ताज लेंड एंड्स पर थीं?
CDR के मुताबिक शाम 7:24 पर इंद्राणी ने संजीव खन्ना को एक एसएमएस भेजा. उसके बाद इंद्राणी ने समीर बुद्धा को फोन किया (पूर्व पुलिस अधिकारी सोहेल बुद्धा के भाई और स्टार टीवी में पीटर मुखर्जी के सहकर्मी).12 सेकेण्ड तक बात हुई. इसके बाद राय उन्हें होटल ताज लैैंड्स एंड तक ले गया. इसकी पुष्टि राय की लोकेशन से होती है.
ताज लैैंड्स एंड पहुंचने के 7 मिनट बाद इंद्राणी ने मिखाइल को दो मैसेज भेजे. जो कथित रूप से उसी सुबह मुंबई आया था और सुबह 2:31 पर उसने इंद्राणी को फोन कर 161 सेकेण्ड तक बात भी की थी.
शाम 7:55 के आसपास, राय ने इंद्राणी को 5 सेकेण्ड की छोटी कॉल की. कुछ दिनों बाद इंद्राणी ने राहुल को बताया था कि इस समय तक इंद्राणी दो मार्गरिटा और शीना एक मार्गरिटा और केक ले चुकी थी. 8:23 पर शीना के फोन से राहुल को एसएमएस मिला कि ‘वो अपने ड्रिंक्स का लुत्फ ले रही थी’.
इस बीच राय को 8:23 पर मिखाइल की ओर से 69 सेकेण्ड की कॉल की गई. 8:29 पर इंद्राणी ने भी मिखाइल को टेक्स्ट किया. कुछ सेकेण्ड बाद उसने समीर बुद्धा को फोन किया. 1 मिनट बाद 8:30 पर उसने राय को भी 19 सेकेण्ड की कॉल की.
सीबीआई ने न तो ताज की कोई फुटेज दी है और न ही कोई बिल.
पुलिस के लिए यह जानना जरूरी था कि होटल ताज लेंड्स एंड में इंद्राणी के साथ शीना जिंदा थी या नहीं, लेकिन सीबीआई ने ताज से न तो कोई फुटेज चार्जशीट के साथ लगाया है और न ही उन ड्रिंक या केक का बिल ही लगाया जो इंद्राणी या शीना ने ऑर्डर किए थे. अगर यह भी मान लिया जाए कि शीना उस समय जिंदा थी, तब भी यह साफ नहीं होता कि शीना होटल से इंद्राणी के साथ गई या फिर किसी और के साथ.
सच तो यह है कि 24 अप्रैल, 2012 की रात 8 बजकर 29 मिनट पर इंद्राणी की ओर से समीर को की गई इस कॉल को लेकर मुंबई पुलिस और सीबीआई ने कोई बयान नहीं लिया.
रात 8:31 पर राहुल को शीना के फोन से एक और मैसेज मिला, ‘गोइंग टू चाइनीज’. 8 बजकर 38 मिनट पर राहुल को शीना के और भी मैसेज मिले.
क्या इंद्राणी शीना बनकर मैसेज कर रही थी? या फिर क्या शीना जिंदा थी?
पुलिस ने इन सवालों का जवाब तलाशने की भी ज्यादा कोशिश नहीं की है. 8:55 पर इंद्राणी ने मिखाइल को फिर से मैसेज भेजा, और उसके बाद 8: 56 और 8:57 पर दो मैसेज खन्ना को भी भेजे. 8:59 पर अगला मैसेज फिर मिखाइल को भेजा गया. अब तक इंद्राणी की टावर लोकेशन बदल चुकी थी. वह ताज लैैंड्स एंड से बाहर निकल चुकी थी.
9:21 और 9:27 के बीच इंद्राणी ने संजीव खन्ना को एक और मिखाइल को दो फोन किए. 10:02 से लेकर 11:59 के बीच राहुल और इंद्राणी को शीना के फोन से कई मैसेज किए गए (या फिर इंद्राणी खुद ही इन मैसेज के जरिए वही खेल-खेल रही थीं, जो वे शीना की मौत के कई महीने बाद तक खेलती रहीं).
पर यहां खेल में थोड़ा मोड़ आया. शीना बोरा का पूरा CDR दिखाता है कि 9:51 पर उसने (या इंद्राणी ने) अपने कोलकाता में रहने वाले पिता और इंद्राणी के पहले पति सिद्धार्थ दास को एक मैसेज भेजा. 5 मिनट बाद इंद्राणी ने मिखाइल को एक 8 सेकेण्ड का कॉल किया.
द क्विंट ने दास से बात की, उन्होंने 24 अप्रैल 2012 को शीना की ओर से कोई भी मैसेज मिलने से इनकार कर दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने मुंबई पुलिस को बताया है कि, “मुझे पूरा यकीन नहीं है कि मिखाइल मेरा ही बेटा है”, तो उन्होंने जवाब में बस “नो कमेंट्स” ही कहा.
अगर मिखाइल, शीना के उतने नजदीक नहीं था, जिसना शुरुआत में उसने दावा किया. अगर 24 अप्रैल, 2012 की रात को शीना मार्लो पहुंचीं, तो क्या यह नहीं हो सकता कि मिखाइल को इस हत्या के बारे में और भी कुछ पता हो. उसने कहा कि वह मुखर्जी के घर पर इंद्राणी की दी हुई शराब पी रहा था, जो उसे भी मारना चाहती थी. और अगर ऐसा नहीं था, तो फिर वह मार्लो में क्या कर रहा था?
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