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पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को अपने अभियान में मंगलवार को बड़ी सफलता मिली है.
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में नोटबंदी के फैसले को वापस लिए जाने की मांग के समर्थन में बुधवार को राष्ट्रपति भवन तक निकाले जाने वाले मार्च में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने साथ आने का फैसला किया है.
इस मार्च में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी हिस्सा लेंगे और अब शिवसेना भी उनके साथ आ गई है.
ममता बनर्जी पीएम मोदी का इस मुद्दे पर पुरजोर ढंग से विरोध करने के लिए धुर-विरोधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित कई विपक्षी दलों के साथ मिल गईं.
उन्होंने कहा, "हमने वाम दलों से बात की है. इसके अलावा हमने शिवसेना सहित कई अन्य दलों से भी बात की है. यह राजनीति करने का समय नहीं है. यह समय आम आदमी का साथ देने का है, जो मुसीबत में है, जिससे हम राष्ट्रपति को अवगत कराएंगे."
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ममता से फोन पर बात की और पार्टी इस विरोध मार्च में हिस्सा लेगी.
पश्चिम बंगाल सीएम ने कहा है, “मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों से बात की. मैं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से बात की है. अगर वे मेरे साथ मार्च में शामिल होना चाहते हैं तो अच्छी बात है. अगर नहीं शामिल होना चाहते, तो मैं अपनी पार्टी के सांसदों के साथ अकेले मार्च करूंगी.’’
-इनपुट IANS से
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