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सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने 21 फरवरी, रविवार को टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को समन जारी किया. सीबीआई ने ये समन राज्य में होने वाली कोयला चोरी और अवैध खनन के एक मामले में जारी किया है.
बता दें कि आने वाले कुछ ही हफ्तों में पश्चिम बंगाल में चुनाव है और चुनाव के पहले ममता बनर्जी के करीबियों पर केंद्र सरकार की एजेंसियों की इस तरह की कार्रवाई से सवाल उठ रहे हैं. लेकिन समझना जरूरी है कि सीबीआई बनर्जी परिवार के लोगों को जिस केस को लेकर समन जारी किया है वो आखिर है क्या?
अवैध खनन का ये केस क्या है?
पिछले साल 27 नवंबर को सीबीआई की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने पश्चिम बंगाल के ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ECL) में अवैध खनन और कोयला चोरी को लेकर भ्रष्टाचार का और आपराधिक केस दर्ज किया. ECL कोल इंडिया लिमिडेट की ही पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है. बता दें कि कोल इंडिया सरकारी कंपनी है और पश्चिम बंगाल, झारखंड के इलाकों में कोल माइनिंग का काम करती है.
CBI की FIR में क्या लिखा है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई की एफआईआर में लिखा हुआ है कि "निरीक्षण टीम को कई सारी मशीनरी मिली जिसके जरिए अवैधन खनन किया गया. निरीक्षण के दौरान बड़ी तादाद में वाहन, मशीनरी और खोदा गए कोयले को सीज किया गया. कई सारे ऐसे सबूत मिले जिससे पता चलता है कि संगठित रूप से बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन किया जा रहा था."
क्या रुजिर बनर्जी इस केस में आरोपी हैं?
नहीं. FIR में ईसीएल के अधिकारियों, सुरक्षा कर्मचारियों और भारतीय रेल के लोगों का नाम है.
CBI की एफआईआर में लिखा गया है कि- "पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि ईसीएल के लीजिंग वाले इलाके से आपराधिक तत्वों द्वारा अवैध खनन और कोयले की चोरी की जा रही थी जिसमें ईसीएल, CISF, भारतीय रेल और दूसरे संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल थे."
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