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पश्चिम बंगाल के मालदा में 19 नवंबर को एक प्लास्टिक फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट्स का कहना है कि ब्लास्ट हैवी मशीनरी में एक टेक्निकल फाल्ट की वजह से हुआ था. एक फॉरेंसिक टीम मौके पर जांच कर रही है.
हालांकि, इस घटना पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने आरोप लगाया है फैक्ट्री का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल बम बनाने में हो रहा था.
मालदा जिले के सुजापुर इलाके में स्थित फैक्ट्री में 19 नवंबर की सुबह करीब 11 बजे ब्लास्ट हुआ. स्थानीय सूत्रों ने क्विंट को बताया कि फैक्ट्री में इलाके की और फैक्ट्रियों की तरह प्लास्टिक रिसाइकिल की जाती थी.
मालदा के एसपी अलोक राजौरिया ने कहा कि फैक्ट्री में कितने लोग काम कर रहे थे, इसका पता लगना बाकी है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में करीब 20 मजदूर थे.
राजौरिया ने कहा, "एक 45 हॉर्सपावर की मशीन में कोई मैकेनिकल या दूसरा फेलियर हुआ था. इससे एक ब्लास्ट हुआ. हमने मौके पर मौजूद मैटेरियल की जांच की और पाया कि ये एक मैकेनिकल फेलियर था."
ब्लास्ट के कुछ ही समय बाद घटना पर राजनीति शुरू हो गई. बीजेपी ने आरोप लगाया कि पुलिस इसे प्लास्टिक फैक्ट्री होने का दावा कर रही है, लेकिन 2021 विधानसभा चुनाव से पहले इसका गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल बम बनाने में हो रहा था.
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, "इसे प्लास्टिक फैक्ट्री बताया जा रहा है, लेकिन हमने ये भी सुना है कि विधानसभा चुनाव के लिए यहां बम बनाए जा रहे थे. अगर पुलिस ठीक से जांच करेगी तो उन्हें TMC कनेक्शन मिलेगा."
बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "ये ब्लास्ट एक घटना नहीं है. ऐसा हर जिले में हो रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए. सच बाहर आना चाहिए और राज्य सरकार की जांच होनी चाहिए. इस मामले को केंद्रीय एजेंसी को देखना चाहिए."
इस पूरे मामले में पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने सफाई जारी की है.
राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के इलाज के लिए 50,000 रुपये देने का ऐलान किया है.
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