Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या है संविधान का आर्टिकल-15, जिसपर बनी है आयुष्मान की फिल्म

क्या है संविधान का आर्टिकल-15, जिसपर बनी है आयुष्मान की फिल्म

आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ जातिवाद के मुद्दे पर बनी है

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ जातिवाद के मुद्दे पर बनी है
i
आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ जातिवाद के मुद्दे पर बनी है
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

जातिवाद के मुद्दे पर बनी आयुष्मान खुराना की फिल्म 'आर्टिकल 15' शुक्रवार, 28 जून को रिलीज होने जा रही है. सच्ची घटना पर बनी ये फिल्म उत्तर प्रदेश के एक गांव में फैले जातिवाद को बड़े पर्दे पर दिखाएगी. फिल्म का टाइटल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 से लिया गया है, जो धर्म, जाति, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है.

भारतीय संविधान सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में समानता का अधिकार देता है. आर्टिकल 15 भारतीय संविधान के तीसरे भाग में आता है, जो भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के बारे में है.

क्या कहता है अनुच्छेद 15?

आर्टिकल 15 (1)

ये राज्य को धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर किसी नागरिक के साथ भेदभाव करने से रोकता है.

आर्टिकल 15 (2)

किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है. ये बताता है कि किसी भी नागरिक को दुकानों, पब्लिक रेस्टोरेंट, होटल और पब्लिक एंटरटेनमेंट में जाने से वंचित नहीं किया जाएगा. इसमें ये भी कहा गया है कि राज्य के फंड से बने या पब्लिक के लिए बनाए गए कुंए, टैंक, नहाने के घाट, सड़क और पब्लिक रिसॉर्ट के उपयोग से किसी भी नागरिक को रोका नहीं जाएगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आर्टिकल 15 (3) और (4)

क्लॉज (3) सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बनाने का अधिकार देता है. 'महिलाओं और बच्चों के लिए कोई विशेष प्रावधान बनाने से इस अनुच्छेद में कुछ भी राज्य को नहीं रोक सकता.'

वहीं क्लॉज (4) राज्य को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सामाजिक और शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान बनाने का अधिकार देता है.

आर्टिकल 15 (5)

क्लॉज (5), जो कि बाद में शामिल किया गया, क्लॉज (4) को आगे ले जाता है. इसमें कहा गया है कि आर्टिकल 15 या अनुच्छेद 19 के क्लॉज (1) के सब-क्लॉज (g) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोकेगी. विशेष प्रावधान जिसमें प्राइवेट संस्थानों में एडमिशन (राज्य से सहायता प्राप्त या नहीं) शामिल है.

एक छठां क्लॉज 2019 में शामिल किया गया है, जो राज्य को आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए विशेष प्रावधान बनाने की आजादी देता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 26 Jun 2019,10:23 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT