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क्या होगा जब आॅड-ईवन के फेर में फंसेंगे शाहरुख और काजोल...

...और दिल्ली के ऑड-ईवन फॉर्मूला से बचने के लिए क्या बहाना बनाएंगे सलमान?

नमिता हांडा
भारत
Updated:
शाहरुख-काजोल को ही क्यों राहत दी जाए ऑड-ईवन से. (फोटो: द क्विंट)
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शाहरुख-काजोल को ही क्यों राहत दी जाए ऑड-ईवन से. (फोटो: द क्विंट)
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नया साल शुरू हो चुका है और इसी के साथ दिल्ली में आॅड-ईवन का चक्कर भी. एक ओर जहां पूरी दुनिया ने धूम-धड़ाके के साथ नए साल का स्वागत किया, दूसरी ओर दिल्लीवालों का स्वागत किया यहां की जिम्मेदार पुलिस ने. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘प्रेम पत्र’ को बांटकर.

चालान के तौर पर दिल्लीवालों के नसीब में आया ये ‘प्रेम पत्र’ अब हर घर में चर्चा और चिंता का विषय बन चुका है.

क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ कि आपसे थोड़ी-सी गलती हो गई और कोने में छिपकर खड़े ठुल्ले ने आपको लपक लिया? जब ऐसा हुआ था, तब आपने बचने के लिए क्या बहाना बनाया था? कुछ याद है? वैसे आमतौर पर लोग हेकड़ी दिखाते हुए बस इतना ही कहते हैं, ‘तू जानता नहीं मैं कौन हूं.’

पर हमारा मानना है कि ये काफी घिसा-पिटा बहाना हो चुका है. पर सोचिए, आपकी जगह अगर कोई स्टार होता, तो क्या बहाना बनाता. दिल्ली के आॅड-ईवन फाॅर्मूले को अगर कोई सेलेब्रि‍टी तोड़ता, तो हो सकता है कुछ ऐसे बहाने बनाकर बचने की कोशिश करता...

शुरुआत करते हैं भाईजान सलमान खान से

अरे! ये मैं नहीं था.

अरे! मैं तो कार में ही नहीं था.

क्या आपको पूरी तरह यकीन है कि ये कोई कार ही थी?

ये सब कुछ सुनकर-पढ़कर आपको कुछ भूला-बिसरा याद आ रहा होगा...है न? हालांकि ये सबकुछ भाईजान के श्रीमुख से तो नहीं निकला. पर अगर वो उन्हें मर्डर केस से इस तरह बाहर निकाल सकते हैं, तो ये आॅड-ईवन किस खेत की मूली है?

आॅड-ईवन सिस्टम तोड़ने पर क्या होती आमिर की दलील...

आमिर खान दिल्ली पुलिस के खिलाफ असहिष्णुता का रोना लेकर बैठ जाते. वो इस बात से आहत हो जाते कि जिस दिल्ली को दिलवालों का शहर कहा जाता है, वहां लोग एक आॅड नंबर को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते.

वो इस बात से भी दुखी हो जाते कि उनके ‘अतिथि देवो भव’ कैंपेन से अरविंद केजरीवाल ने कुछ भी शिक्षा नहीं ली. ‘सत्यमेव जयते’ का पाठ पढ़ाते हुए वो पुलिसवालों से इसके पीछे के गुप्त कारणों का पता लगाने में जुट जाते और ‘अतिथि देवो भव’ का मूल समझाते.

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जब आॅड-ईवन के फेर में फंसती शाहरुख-काजोल की रोमांटिक जोड़ी

बॉलीवुड की यह सबसे मशहूर जोड़ी पुलिसवालों को यह समझाने की कोशिश करती कि ये नियम तो उन पर लागू ही नहीं होता, क्योंकि...

1. इस जोड़े को अंतिम बार एक साथ कार में पांच साल, चार महीने पहले देखा गया था.

2. वे दिल्ली के सबसे सच्चे ब्रांड एंबेसडर (डीडीएलजे और दिलवाले) हैं. आप किसी भी दूसरी जोड़ी का नाम तो बताइए, जिसने इस स्तर पर जाकर दिल्ली को प्रमोट किया हो.

3. वे एक ऐसी जोड़ी हैं, जिन्होंने उत्तर भारत के प्रमुख पर्व करवा चौथ को इतने बेहतर तरीके से पेश किया और मशहूर किया.

4. ये कोई ऐसा-वैसा नहीं, दिल्ली का छोरा एसआरके है...

हो सकता है इस बेहद रोमांटिक जोड़ी की बातें पुलिसवालों को खुश कर दें, पर चालान तो उन्हें काटना ही पड़ता और दिलवाली जोड़ी को भरना ही पड़ता...

क्या कहेंगे रजनीकांत?

हर नियम की तरह आॅड-ईवन का नियम भी रजनी सर पर लागू नहीं होता है. येन्ना रास्कला! आॅड-ईवन उनके लिए है ही नहीं, बल्कि आॅर्ड-ईवन को उनके हिसाब से रखना चाहिए.

दिल्ली सरकार चाहे, तो एक उपाय निकाल सकती है. रजनी को अगर अंग्रेजी में लिखें, तो छह अक्षर होते हैं. मतलब वो दिन ईवन और रजनीकांत में ग्यारह तो वो दिन आॅड. कैसा लगा आइडिया??

बुरा बोलने की हिम्मत भी मत करना...येन्ना रास्कला...माइंड इट.

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Published: 05 Jan 2016,10:33 PM IST

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