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कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अफवाह और दुष्प्रचार रोकने के वॉट्सऐप के एक्शन प्लान की तारीफ की है, लेकिन चेतावनी भी दी है कि सिर्फ वादे ही नहीं जमीन पर एक्शन और अमल भी दिखना चाहिए.
वॉट्सऐप ने सरकार को चिट्ठी लिखकर फर्जी खबरें और गैर जिम्मेदाराना मैसेज रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी है. हालांकि कंपनी ने ये साफ कर दिया है कि अफवाह वाले मैसेज रोकने के लिए सबको मिलकर काम करने से ही बात बनेगी और इसपर रोक लगेगी.
सरकार ने देश में लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वॉट्सऐप से कहा था कि वो अफवाह फैलाने वाले और भड़काऊ मैसेज का प्रसार रोकने के लिए कदम उठाए.
कंपनी ने अपने जवाब में कहा कि वो खुद अफवाहों से फैलने वाली हिंसा की बढ़ती घटनाओं से फिक्रमंद है, साथ ही इस तरह के मुद्दों पर फौरन एक्शन लिया जाएगा.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "नोटिस पर वॉट्सऐप के तत्काल जवाब देकर वादा किया है कि वो फारवर्ड मैसेज से अफवाह रोकने के लिए कदम उठाएंगे. उन्होंने यह भी भरोसा दिया है कि वॉट्सऐप अपने मंच पर मैसेज के बड़े पैमाने पर सर्कुलेशन की पहचान करने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करेगा.
कंपनी ने इस मंच के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए कहा:
देश में हाल में हिंसक भीड़ द्वारा कुछ लोगों को शक के आधार पर पीट-पीटकर जान से मारने की घटनाओं में वॉट्सऐप के फर्जी मैसेज के उकसावे की भूमिका रही है. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के धुले में भीड़ ने पांच लोंगों पर बच्चा चुराने वाले होने के शक में उनकी पीट पीट कर हत्या कर दी थी.
इसी तरह की एक घटना में त्रिपुरा में दो लोगों को पीट-पीट कर मार दिया गया. असम में भी पिछले महीने भीड़ ने एक शख्स को पीट पीट कर मार डाला. सरकार ने मंगलवार को वॉट्सऐप से कड़ाई से कहा था कि वह अपने मंच पर गैरजिम्मेदार और भड़काऊ मैसेज के प्रसार को रोकने के उपाय करे.
देखेंं वीडियो - मॉब लिंचिंग के जिम्मेदार WhatsApp पर यकीन करना बंद करो
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