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दिवाली से पहले ही देश के कई राज्यों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और राजस्थान समेत कई राज्यों में पटाखों पर बैन लगा दिया गया है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बुधवार को कर्नाटक और तमिलनाडु सहित 18 राज्यों को पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नोटिस जारी किया था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के रिकॉर्ड के अनुसार, एनजीटी बेंच ने कहा कि इन राज्यों में 122 शहरों में हवा की गुणवत्ता एक अनुकूल सीमा से नीचे है, जबकि कुछ राज्यों ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है, दूसरों ने केवल "आयातित" पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है.
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा हर हर साल चर्चा में आता है और दिल्ली सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन फायरक्रैकर जैसे तरीके ला चुकी है, लेकिन इस बार प्रदूषण के साथ-साथ देश की राजधानी में करोना मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. दिल्ली सरकार ने इस साल पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा" मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अधिकारियों और सभी डीएम के साथ दिल्ली में कोरोना की स्थिति और तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में कई फैसले लिए गए हैं, जिसमें दिल्ली में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.”
दिल्ली में इस बार 7 से 30 नवंबर तक किसी भी प्रकार के पटाखे जलाने की अनुमति नहीं है और जो इस आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते सोमवार को ट्वीट करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने कोरोना वायरस और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
सीएम गहलोत ने कहा कि पटाखों के जलने से निकलने वाले जहरीले धुएं से कोरोना वायरस के मरीजों और आम नागरिकों की सुरक्षा लिए यह फैसला लिया गया है.
अगर कोई भी सरकार के आदेश का उल्लंघन करेगा और पटाखे बेचता हुआ पाया गया तो उसके ऊपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की आतिशबाजी का उपयोग करता है या अनुमति देता है, तो उसे 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
महामारी के चलते 3 नवंबर को ओडिशा सरकार ने त्योहार के सीजन के दौरान राज्य भर में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर बैन लगा दिया है. मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने 10 से 30 नवंबर तक राज्य के सभी हिस्सों में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया.
बुधवार को सिक्किम सरकार ने कोविड-19 रोगियों और बीमारी से उबरने वाले लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा की.
मुख्य सचिव एसके गुप्ता ने एक अधिसूचना में कहा, “मामलों की संख्या में गिरावट आई है और यह महसूस किया गया कि पटाखों के उपयोग से वायु प्रदूषण बढ़ेगा जो कोविड-19 रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है”.
महाराष्ट्र सरकार ने 5 नवंबर पटाखों पर बैन का ऐलान किया. सरकार ने कहा कि इस दिवाली के दौरान लोगों को पटाखे फोड़ने से बचना चाहिए, क्योंकि वायु प्रदूषण कोरोना वायरस रोगियों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है.
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को दिवाली के संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए राज्य के लोगों से अपील की, कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए दीपावली पर पटाखे ना जलाएं.
इससे पहले गुरुवार को बीएमसी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दिवाली पर सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. बीएमसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को राज्य में पटाखों पर बैन लगाने का फैसला लिया, कर्नाटक में कोरोना वायरस से 11312 मौतें हुई हैं. राज्य सरकार दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर बेन लगाने के आदेश जारी करेगी.
पटाखों पर बैन से सबसे ज्यादा असर कारोबारियों पर पड़ा है, व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं लोग पहले से ही पटाखे खरीद कर घरों में रख रहे हैं. मुंबई में दिवाली से पहले पटाखों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है. मुंबई-ठाणे फायरवर्क्स डीलर्स वेलफेयर अस्सिटेंस के मुताबिक, "लोग दिवाली के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों की गलत तरीके से समझ रहे हैं रहे. बीएमसी ने पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन केवल सार्वजनिक स्थानों पर ही प्रतिबंध लगाया है."
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से पटाखे फोड़ने पर बैन लगाने पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि पटाखों का कोविड मरीजों पर निगेटिव असर होता है.
चिकित्सा विभाग, जयपुर के एसएमएस अस्पताल का एक लेटर सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हुआ था, जो कि डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को लिखा था.
, त्योहारों का मौसम आ चुका है लेकिन इस साल महामारी ने सब कुछ बदल दिया है. डॉक्टर इस साल दिवाली पर पटाखे के इस्तेमाल को लेकर परेशान हैं क्योंकि यह पर्यावरण में अधिक एरोसोल पैदा करके वायरस को तेजी से फैलने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, जो लोग कोविड से पीड़ित हैं, उनके फेफड़ों पर गंभीर असर हो सकता है.
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