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व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके साथ ही कहा गया कि दोनों देशों के बीच बातचीत तभी सफल होगी, जब पाकिस्तान अपने देश में आतंकवादियों और चरमपंथियों पर कार्रवाई करे.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तब बढ़ गया जब नई दिल्ली ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था.
ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर फिर मध्यस्थता की पेशकश के सवाल पर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा,
अधिकारी ने कहा ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को हल करने में 'मदद' करने की पिछले महीने फिर से पेशकश की थी. उन्होंने कहा अमेरिका कश्मीर पर दोनों देशों के बीच की गतिविधियों पर 'करीबी नजर' रख रहा है. हालांकि, ट्रंप पहले भी कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं लेकिन भारत ने साफ कह दिया है कि यह उसके और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है तथा इसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है.
अधिकारी ने आगे कहा
अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, 'लेकिन मुझे लगता है कि राष्ट्रपति दोनों देशों से नियंत्रण रेखा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने तथा ऐसी कार्रवाइयों या बयानों से बचने का अनुरोध करेंगे जो क्षेत्र में तनाव बढ़ा सकते हैं.'
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, भारत को प्रेरित करेगा कि वह इस शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए जो कर सकता है वह करे ताकि यह सफल हो.
अधिकारी ने कहा, 'आप जानते हैं कि हम सैन्य भागीदारी खत्म कर सकते हैं. हम अपनी कूटनीतिक और आर्थिक भागीदारी जारी रखेंगे, जो वहां पिछले 19 वर्षों से है, लेकिन हम इस शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए निश्चित तौर पर भारत की ओर देखेंगे, जो क्षेत्र में महत्वपूर्ण देश है, क्षेत्र की स्थिरता के लिए अहम है. मुझे लगता है अगर यह मुद्दा उठता है तो यह राष्ट्रपति के अनुरोध पर ही होगा.'
ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद, आगरा तथा नयी दिल्ली जाने का कार्यक्रम है. उनके साथ 12 सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी होगा.
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