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विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने कोरोना की वजह से हुई मौत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. WHO ने उस रिपोर्दाट में कहा है कि भारत मे कोरोना से 47 लाख लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही WHO ने दावा किया है कि दुनियाभर में कोरोना से साल 2020-2021 में 1 करोड़ 49 लाख से ज्यादा मौतें हुईं हैं. भारत का आंकड़ा पूरी दुनिया की मौतों का एक तिहाई है. WHO की इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने WHO के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत की परिभाषा क्या है ? ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि जब कोरोना से लोगों की मौत हो रही थी, तो हमारे पास ऐसी मौत की कोई परिभाषा नहीं थी. यहां तक कि WHO के पास भी कोई परिभाषा नहीं थी.
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हमने इसके लिए सभी डेटा पर नजर डाली और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हुई मौतों में से 95 प्रतिशत पहले 4 हफ्तों के दौरान हुई थी. इसलिए कोरोना डेथ की डेफिनेशन के लिए 30 दिनों का कटऑफ रखी गई है.
वहीं, भारत सरकार ने WHO के इस आंकलन के तरीके पर सवाल उठाए हैं. सरकार ने कहा है कि इस आंकलन की प्रक्रिया पर भारत ने भी आपत्ति जताई थी. इसके बावजूद मृत्यु दर का अनुमान जारी किया गया है.
आपको बात दें WHO ने एक्सेस डेथ के आंकड़ों के मुताबिक यह आकलन किया है. इसका मतलब होता है कि सामान्य रूप से जितनी मौतें होती थीं, उनसे कितनी ज्यादा लोगों की जान गई. इस हिसाब से आकलन किया जाता है कि महामारी की वजह से कितने लागों की जान गई होगी.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना से साल 2020-2021 में सभी देशों की तरफ से दिए गए आंकडों के हिसाब से 1 करोड़ 49 लाख ज्यादा मौतें हुईं हैं. WHO का कहना है कि 84 फीसदी मौतें केवल दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुई हैं.
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