Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पीएम मोदी की ग्रामीण आवास योजना में किसे मिल रहे हैं घर?

पीएम मोदी की ग्रामीण आवास योजना में किसे मिल रहे हैं घर?

ग्रामीण आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को 25 स्क्वायर मीटर का घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए मिलते हैं.

ब्‍लूमबर्गक्‍व‍िंट
भारत
Published:
ईस्ट मुंबई से 70 किलोमीटर दूर खालापुर का बोरगांव गांव
i
ईस्ट मुंबई से 70 किलोमीटर दूर खालापुर का बोरगांव गांव
(फोटो: BloombergQuint)

advertisement

कुछ महीने पहले तक, लक्ष्मण मेहंगल अपने 4 सदस्यों के परिवार के साथ साउथ ईस्ट मुंबई से 70 किलोमीटर दूर बोरगांव, खालापुर में एक मिट्टी और छप्पर से बने घर में रहते थे. लेकिन अब वो अपने परिवार के साथ ईंट और सीमेंट से बने एक पक्के मकान में रहते हैं, जिसका आकार एक आधे स्क्वॉश कोर्ट के बराबर है.

34 साल के लक्ष्मण रोज अपने परिवार का पेट पालने के लिए 40 किलोमीटर सफर करके मजदूरी करने जाते हैं. उन्होंने ये पक्का घर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रामीण आवास योजना की मदद से बनाया है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को 25 स्क्वायर मीटर का घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए मिलते हैं. लक्ष्मण को अभी तक पहली किश्त मिल चुकी है.

“मैं ये घर पाकर बहुत खुश हूं” लक्ष्मण ने अपनी 4 साल की बेटी का टिफिन पैक करते हुए कहा. अपनी बेटी को स्कूल भेजते वक्त वो बोले कि, “अब हमारे पास ज्यादा जगह है और रहने के लिए बेहतर घर है”
अपने बन रहे पक्के मकान के बाहर खड़े लक्ष्मण मेहगंल(फोटो: BloombergQuint)

लक्ष्मण खालापुर जिले के 120 गांवों में से 576 फायदा पाने वाले लोगों में से एक हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत ऐसे 1 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है. पिछले साल नवंबर में इस स्कीम के लॉन्च होने के बाद से करीब 10 लाख घर बन चुके हैं. हालांकि मार्च महीने तक 51 लाख घर बनाने का लक्ष्य अब नामुमकिन है, लेकिन मंत्रालय को उम्मीद है कि वो एक महीने में 10 लाख घर बनाकर उस लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश करेंगे.


2011 की सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना के आधार पर लाभार्थियों की पहचान पंचायत करती है. केबी पाटिल, बोरगांव के ग्राम सेवक के मुताबिक “हम लाभार्थियों को चुनने के लिए एक ग्राम सभा करते हैं, हम पहले राशन कार्ड चेक करते हैं और फिर डबल वैरिफिकेशन के लिए उस लिस्ट को पंचायत के पास भेजते हैं.” उसके बाद ये लिस्ट कॉन्ट्रेक्टर को भेजी जाती है. फिर एक अफसर जांच के लिए आता है और लाभार्थियों को फंड रिलीज कर दिया जाता है.

बोरगांव पंचायत के इलाके में बना एक कच्चा घर(फोटो: BloombergQuint)

हर एक घर के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए डायरेक्ट अकाउंट में आते हैं. इसके साथ ही ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत 18 हजार और शौचालय बनवाने के लिए 12 हजार रुपए अलग से दिए जाते हैं. लक्ष्मण मेहंगल को अभी तक 90 हजार रुपए मिल चुके हैं. बाकी के 30 हजार मिलने के बाद वो प्लास्टर और टाइल का काम भी करा लेंगे.

बोरगांव पंचायत के अंदर 14 गांव और 450 घर आते हैं. जिनमें से कुछ अभी पक्के बन रहे हैं तो कुछ कच्चे ही हैं. सरकारी अफ्सर के मुताबिक 103 घरों को हाउसिंग स्कीम के तहत चुना गया था जिसमें से 30 घर पिछले 6 महीने में बना दिए गए हैं. अगले 6 महीनों में बाकी बचे घर बनाने का लक्ष्य है. पूरे खालापुर में 2016-17 में 289 घर बनाए गए और बाकी के 286 घर इस साल के मार्च के अंत बनने की उम्मीद है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT