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इस भारतीय इंजीनियर ने ढूंढा विक्रम लैंडर, NASA ने भी दिया श्रेय

सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद से नासा की जारी की हुई तस्वीरों का अध्य्यन किया

क्विंट हिंदी
भारत
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सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद से नासा की जारी की हुई तस्वीरों का अध्य्यन किया
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सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद से नासा की जारी की हुई तस्वीरों का अध्य्यन किया
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिल गया है, जो चांद की सतह पर क्रैश हुआ था. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को एक फोटो जारी कर इसकी पुष्टि की है. क्या आपको मालूम है कि विक्रम लैंडर को ढूंढने में सबसे अहम रोल एक भारतीय इंजीनियर ने निभाया है?

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चेन्नई के एक मैकेनिकल इंजीनियर षण्मुगा सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद से नासा की जारी की हुई तस्वीरों का अध्य्यन किया और आखिरकार इसके मलबे को ढूंढ निकाला.

विक्रम लैंडर के चांद पर 'हार्ड लैंडिंग' के करीब 20 दिन बाद, 26 सितंबर को नासा ने उस जगह की एक फोटो रिलीज कर लोगों से लैंडर को ढूंढने के लिए कहा था.

नासा के मुताबिक, उसके लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) ने चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूंढ लिया था. इसके एक हफ्ते बाद ही, 3 अक्टूबर को, षण्मुगा सुब्रमण्यम ने ट्विटर पर दो तस्वीरों को शेयर कर नासा से पूछा था कि 'क्या यही विक्रम लैंडर है?' उन्होंने अपने ट्वीट में नासा, लूनर रीकॉनिसन्स ऑर्बिटर (LRO) और इसरो को टैग किया था.

सुब्रमण्यम ने नासा की रिलीज की हुई तस्वीरों का अध्ययन किया और विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला. पुरानी तस्वीरों में चांद की सतह पर एक सफेद स्पॉट की कमी से ही वो अपने परिणाम पर पहुंच पाए. उन्होंने 17 नवंबर को और रिसर्च की और एक नई फोटो नासा को ट्वीट की, जो विक्रम लैंडर की संभावित क्रैश साइट हो सकती थी.

‘NASA का ब्लॉग देखने के बाद, जिसमें लिखा था कि वो शैडो के कारण उसे ढूंढ नहीं पा रहे हैं, मैंने 1.5 जीबी की फोटो डाउनलोड की और उसके बाद पुरानी और नई तस्वीर की तुलना की. मैंने देखा कि कुछ ऐसे स्पॉट हैं जो पहले जैसे नहीं हैं, तो मुझे लगा कि ये मलबा हो सकता है, क्योंकि ये पुरानी फोटो में नहीं है.’
षण्मुगा सुब्रमण्यम, मैकेनिकल इंजीनियर

सुब्रमण्यम की हफ्तों से चली आ रही ये रिसर्च सही थी. नासा ने भी उन्हें विक्रम लैंडर को ढूंढने का श्रेय दिया है. नासा ने एक मेल में सुब्रमण्यम की रिसर्च को कंफर्म करते हुए लिखा, 'लैंडिंग की डेट से पहले और बाद में लोकेशन में हुए बदलाव को LROC टीम ने कंफर्म किया है. इस जानकारी के जरिए LROC टीम ने इस क्षेत्र में आगे जांच की और घटनास्थल और आसपास मिले मलबे के बारे में नासा और ASU को बताया.'

अपने ब्लॉग में सुब्रमण्यम खुद को 'ब्लॉगर, कोड फोटोग्राफर और एक नर्ड बताते हैं जिसे ट्रैवलिंग, स्पेस, फिलॉसिफी और राजनीति में इंट्रेस्ट है.'

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