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सोशल डिस्टेंसिंग क्यों जरूरी: COVID-19 वायरस ऐसे करता है ट्रैवल

जब हम खांसते या छींकते हैं, तो कई आकारों के ड्रॉपलेट्स पैदा होते हैं

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जब हम खांसते या छींकते हैं, तो कई आकारों के ड्रॉपलेट्स पैदा होते हैं
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जब हम खांसते या छींकते हैं, तो कई आकारों के ड्रॉपलेट्स पैदा होते हैं
(फोटो: अरूप मिश्रा/क्विंट)

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हम 3 मई के नजदीक पहुंच रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें इस पर चिंतन कर रही हैं कि लॉकडाउन को कैसे खोला जाए. लॉकडाउन खुलने पर भी सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना, मास्क पहनना 'नॉर्मल' होगा.

ऐसे में जानना जरूरी है कि अगर आप संक्रमित हैं तो खांसने, छींकने और यहां तक कि बात करने पर आखिर COVID -19 वायरस कितनी दूर तक ट्रैवल करता है?

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

कोरोना वायरस रेगुलर फ्लू की तरह ही संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है. एक संक्रमित व्यक्ति खांसने, छींकने या बातचीत के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से इसे फैला सकता है.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

जब हम खांसते या छींकते हैं, तो कई आकारों के ड्रॉपलेट्स पैदा होते हैं. बड़े ड्रॉपलेट आमतौर पर जमीन पर या पास की सतह पर गिरते हैं और छोटे ड्रॉपलेट में टूट जाते हैं. चूंकि बड़े ड्रॉपलेट भारी होते हैं तो वे छोटे ड्रॉपलेट की तरह दूर तक ट्रैवल नहीं कर सकते. इनसे बचने के लिए 6 फीट की दूरी काफी अच्छी मानी जाती है.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

यही कारण है कि वैज्ञानिक और डॉक्टर सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देते हैं. आप एक संक्रमित व्यक्ति से जितना दूर होंगे, आपके संक्रमित होने की संभावना उतनी ही कम होगी. ड्रॉपलेट्स कुछ दूरी के ट्रैवल के बाद हल्के हो जाते हैं. 6 फीट की दूरी न्यूनतम है जिसकी सलाह विशेषज्ञ देते हैं, हम इसे बनाए रखते हैं, हालांकि जरूरी नहीं कि ये हमेशा प्रभावी हो.

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(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है और उसमें लक्षण नहीं दिख रहे, तो ज्यादा दिक्कत है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति अगर किसी बेहतर वेंटिलेशन यानी हवादार कमरे में न हो तब उसके बोलने भर से इतने वायरल ड्रॉपलेट्स निकलते हैं, जितने खांंसी से.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

सोशल डिस्टेंसिंग प्रभावी तो है लेकिन ये अकेले COVID-19 को नहीं हरा सकता. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क पहनें और हाथ भी धोते रहना जरूरी है.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

फेस मास्क पहनें. ये बड़े ड्रॉपलेट्स को नाक और मुंह पर उतरने से रोक सकते हैं. ये आपको चेहरे को छूने से भी रोकता है. दूसरों को संक्रमण फैलावे की संभावना कम हो जाती है. लेकिन मास्क आपको छोटे ड्रॉपलेट्स को इनहेल करने से नहीं बचाते.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

अपने हाथों को जितनी बार संभव हो धोएं, अगर आप किसी संक्रमित सतह- काउंटर से लेकर फोन और टैब तक और फिर चेहरा छूते हैं तो वायरस फैलता है. याद रखें, बड़े ड्रॉपलेट्स आसपास के सतह पर हो सकते हैं. इसलिए वायरस के फैलाव को कम करने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोएं.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

और अंत में, मास्क पहनने और हाथ धोने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. 6 फीट की दूरी बनाए रखें, चाहें आप पब्लिक प्लेस पर ही क्यों न हों.

(ग्राफिक्स: श्रुति माथुर/ क्विंट)

ऐसा कर आप खुद की और दूसरों की COVID-19 से सुरक्षा कर सकते हैं.

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