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पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को खदेड़ने वाले फाइटर पायलट अभिनंदन वर्तमान ने एयरफोर्स चीफ के साथ मिग-21 उड़ाकर शानदार वापसी की है. अभिनंदन ने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के साथ पठानकोट एयरबेस से फाइटर प्लेन उड़ाकर एक बार फिर एक पायलट के तौर पर कमबैक किया है. इससे पहले खबरें आई थीं कि अभिनंदन जल्द ही एक बार फिर मिग-21 उड़ाते दिख सकते हैं.
विंग कमांडर अभिनंदन के साथ मिग-21 उड़ाने पर एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘मेरे लिए अभिनंदन के साथ उड़ान भरना खुशी की बात है. अब उन्हें वापस उनकी फ्लाइंग कैटेगरी मिल चुकी है. जिसके लिए सभी पायलट इंतजार करते हैं. मैंने भी 1988 में इजेक्ट किया था. मुझे फिर से उड़ान भरने में 9 महीने लगे. लेकिन अभिनंदन को सिर्फ 6 महीने के भीतर ही वापसी का मौका मिला है.’
धनोआ ने इस दौरान बताया कि उनमें और अभिनंदन में कुछ बातें कॉमन हैं. उन्होंने कहा,
इंडियन एयरफोर्स के पायलट अभिनंदन वर्तमान को उनके साहस के लिए पूरा देश जानता है. उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक के ठीक बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स के भारतीय सीमा में घुसने के दौरान अपने मिग-21 विमान से उड़ान भरी थी. पाकिस्तानी विमानों का पीछा करते हुए अभिनंदन ने उनके एक एफ-16 विमान को मार गिराया था.
विंग कमांडर अभिनंदन उस समय एयरफोर्स में वापसी कर रहे हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव है. कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान कई तरह की धमकियां दे चुका है. ठीक ऐसा ही तनाव पुलवामा और बालाकोट स्ट्राइक के बाद भी था. ऐसे में इस जांबाज फाइटर पायलट की वापसी भारतीय वायुसेना के लिए एक खुशी की खबर है.
पुलवामा हमले के बाद भारतीय एयरफोर्स ने सीमापार मौजूद आतंकी संगठनों को निशाना बनाया था. इसके ठीक एक दिन बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की. पाकिस्तानी एयरफोर्स की तरफ से भारत के खिलाफ हरकत होते ही, एयरफोर्स ने अपने कुछ फाइटर्स को भेजा. इसी दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने भी उड़ान भरी. अभिनंदन ने पाकिस्तान जेट का पीछा करते हुए उसे अपना निशाना बनाया. पाकिस्तानी फाइटर जेट के साथ हवा में हुई जंग के बाद अभिनंदन के मिग-21 बायसन में भी आग लग गई. जिसके बाद वो इजेक्ट होकर पीओके की तरफ जा गिरे. घायल हालत में 27 फरवरी को उन्हें पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया. हालांकि इसके कुछ ही दिन बाद भारत की तरफ से बनाए गए दबाव के चलते पाकिस्तान ने 1 मार्च को उन्हें भारत को सौंप दिया.
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