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लोकसभा (Loksabha) के बाद राज्यसभा ने भी महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को पास कर दिया है. राज्यसभा में एक भी सांसद ने इसके विरोध में वोट डाला. संसद के दोनों सदनों में चर्चा के दौरान सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में ज्यादा महिला प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर सहमति जताई है.
विपक्ष ने इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण की कमी की ओर भी इशारा किया. वर्तमान में, लोकसभा में 14.94 प्रतिशत महिला सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 14.05 प्रतिशत महिला सांसद हैं.
आइये आपको इंटरैक्टिव मैप के जरिए बताते हैं कि देश के किस राज्य की विधानसभा में महिला विधायकों की हिस्सेदारी कितनी है.
महिला विधायकों के सबसे ज्यादा प्रतिशत वाला राज्य त्रिपुरा है, जिसने फरवरी 2023 में अपनी 60 सदस्यीय मजबूत विधानसभा में नौ महिलाओं को चुना, जो कि 15 प्रतिशत है. दिलचस्प बात यह है कि त्रिपुरा चुनाव में पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक थी.
हालांकि, सभी पूर्वोत्तर राज्य अपनी विधानसभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में त्रिपुरा के करीब भी नहीं आते हैं.
मिजोरम की विधानसभा में एक भी महिला विधायक नहीं है, जबकि नागालैंड में केवल दो हैं. दोनों राज्यों में 60 सदस्यीय मजबूत विधानसभा है. फरवरी 2023 के चुनाव तक, 1963 में राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद से नागालैंड में एक भी महिला विधायक नहीं थी.
अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में प्रत्येक में पांच प्रतिशत महिला विधायक हैं, जबकि मणिपुर में 8.3 प्रतिशत महिला विधायक हैं. नागालैंड की विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 3.3 प्रतिशत है.
विशेष रूप से जब राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात आती है, तो कुछ उत्तरी और पूर्वी भारतीय राज्य दक्षिण भारत की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, जिसकी 294 सदस्यीय विधानसभा है, वहां 13.7 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है, जबकि कर्नाटक, जिसकी विधानसभा में 224 सदस्य हैं, यहां 4.46 प्रतिशत महिला विधायक हैं.
छत्तीसगढ़ में 14.4 प्रतिशत, राजस्थान में 12 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 11.6 प्रतिशत महिला विधायक हैं.
केरल में 7.86 प्रतिशत, तमिलनाडु में 5.13 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 8 प्रतिशत और तेलंगाना में 5.04 प्रतिशत महिला विधायक हैं.
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