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42 साल की योगिता भयाना को सामाजिक बदलाव के लिए काम करते-करते एक दशक से भी अधिक समय हो गया है। दिल्ली स्थित योगिता ने रेप पीड़ितों को न्याय दिलाने के मकसद से परी संस्था (पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया) की स्थापना की. इसके साथ ही वो महिलाओं से जुड़े लगभग हर मुद्दे जैसे की यौन शोषण, घरेलू हिंसा, मैरिटल रेप जैसे अपराधों के खिलाफ भी लगातार आवाज़ उठाती रही हैं.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब बड़े शहरों में फंसे मज़दूर पैदल घर वापस जाने के लिए मजबूर हो गए और उनको कोई विशेष मदद सरकार द्वारा नहीं दी गई तब कई समाजसेवी सड़कों पर मज़दूरों की मदद करने के लिए उतर गए. योगिता उन्हीं मदद करने वालों में से एक थीं. योगिता ने उस समय सड़कों पर आकर खाने-पीने से लेकर अन्य राहत साम्रगी पहुंचाने का भी काम किया.
2021 में योगिता ने सोशल मीडिया पर बाल-विवाह के खिलाफ़ एक अनोखी डिजिटल मुहिम छेड़ी. इस डिजिटल मुहिम को योगिता ने #BalVivahSeBachao का नाम दिया. ये मुहिम राजस्थान सरकार को वो कानून पास करने से रोकने के लिए थी, जिसपर बाल विवाह को बढ़ावा देने का आरोप था. दरअसल सितंबर 2021 में खबर आई कि राजस्थान सरकार विवाह पंजीकरण कानून में संशोधन करने जा रही है. जैसे ही ये खबर आई वैसे ही तमाम सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया और आरोप लगाया कि नया बिल बाल-विवाह को बढ़ावा देगा.
नए बिल को लेकर ज़मीनी स्तर पर कई संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उधर योगिता भयाना ने इसके विरोध में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Change.org पर एक पेटीशन शुरू की. उन्होंने राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत को संबोधित कर के बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की.
योगिता की #BalVivahSeBachao पेटीशन शुरू होने के एक हफ्ते से भी कम समय में ही इसपर 20,000 लोगों ने साइन किया और फिर सोशल मीडिया में राजस्थान सरकार से बिल वापस लेने की मांग की. देखते-देखते #BalVivahSeBachao योगिता ही नहीं बल्कि 29,000 लोगों का अभियान बन गया, जिनकी बस एक ही मांग थी कि राजस्थान सरकार बिल को वापस ले.
अपनी पेटीशन में योगिता ने लिखा
इस मामले को लेकर योगिता ने अपनी कोशिशें जारी रखीं और 2 हफ्ते से भी कम समय में विभिन्न संगठनों के विरोध, ऑफलाइन प्रदर्शनों और योगिता की ऑनलाइन पेटीशन के दबाव के चलते 12 अक्टूबर 2021 को राजस्थान सरकार ने बिल को वापस लिया.
योगिता ने अपनी पेटीशन की कामयाबी पर लिखा,
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