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दिल्ली लगातार बढ़ते प्रदूषण को मात देने के लिए एक बार फिर कमर कर चुकी है. राजधानी में 15 अप्रैल से ऑड-ईवन का दूसरा फेज शुरू हो रहा है. इस नियम के दौरान नई सर्विस ‘बाइक टैक्सी’ एक कारगर विकल्प साबित हो सकती है.
बाइक टैक्सी को गोवा, बेंगलुरु, मुंबई और गुड़गांव में काफी लोकप्रियता मिल चुकी है. अब इसने दिल्ली में भी पांव रख दिया है. 5 रुपये प्रति किलोमीटर जैसी सस्ती सर्विस के कारण यह स्टूडेंट्स और ऑफिस जाने वालों के लिए काफी कारगर विकल्प बनकर उभर रही है.
गुड़गांव में बाइक टैक्सी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी बाइक्सी की सह-संस्थापक दिव्या कालिया ने कहा,
दिव्या ने कहा, “रिक्शा या ऑटो नियमित बाजार का हिस्सा नहीं होने के कारण ग्राहकों से काफी अधिक किराया लेते हैं. उनमें से अधिकतर मीटर से चलते भी नहीं हैं.”
बाइक-टैक्सी या मोटरसाइकिल टैक्सी सेवा ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, थाइलैंड और वियतनाम में काफी कारगर परिवहन साधन बन चुकी है. यह सस्ती भी है और छोटी दूरी के लिए सुविधाजनक भी है.
वनराइडर के संस्थापक राहुल गुप्ता ने कहा,
ऑड-ईवन नियम के दौरान बाइक टैक्सी सेवा का उपयोग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. वनराइडर ने दिल्ली में अपनी सेवा 5 अप्रैल को शुरू की है. कंपनी अगले एक साल में देश के कई महानगरों में इस सेवा का प्रसार करना चाहती है.
एक अन्य कंपनी प्रोम्टो ने जीपीएस प्रणाली लगी इलेक्ट्रिक बाइक-टैक्सी सेवा शुरू की है. प्रोम्टो के प्रमोटर करण चड्ढा ने कहा, “दूसरी सम-विषम योजना से पहले हमने पर्यावरण अनुकूल बाइक टैक्सी सेवा शुरू की है. लांच के बाद से 20 बाइकों के साथ हम रोजाना 150-200 फेरे लगा रहे हैं.”
चड्ढा ने कहा कि अभी इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी का संचालन सिर्फ राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के पास से हो रहा है. कंपनी जल्द ही दिल्ली के चार अन्य स्थानों पर भी इस सेवा का प्रसार करना चाह रही है और अपने बेड़े में 60-80 और बाइक शामिल करना चाह रही है. कंपनी ऑड-ईवन योजना के दौरान 30 और इलेक्ट्रिक बाइक शामिल करना चाह रही है.
बाइक टैक्सी सेवा देने वाली अन्य कंपनियों में शामिल हैं राइडजी, उबरमोटो और बैक्सी.
इस बारे में कुछ सवाल भी हैं, जिन पर फैसला लिए जाने की जरूरत है. जैसे, क्या इन बाइकों में दूसरे प्रकार के नंबर प्लेट लगाए जाने चाहिए? क्या इन्हें दूसरे प्रकार के लाइसेंस दिए जाएं? क्या इन पर वाणिज्यिक कर लगाए जाएं?
चूंकि दोपहिया वाहनों को ऑड-ईवन की शर्तों में छूट दी गई है, इसलिए यह माध्यम इस दौरान में एक सुविधाजनक विकल्प साबित हो सकता है.
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