advertisement
डावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम इस बार भारत के लिए बहुत खास है. 20 साल बाद इस आर्थिक सम्मेलन में भारत के पीएम भी शामिल होने जा रहे हैं. जी हां पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार इस सालाना आर्थिक सम्मेलन में जा रहे हैं. बता दें कि इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा इस कार्यक्रम में गए थे. केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे.
जाहिर है अार्थिक दुनिया के तमाम एक्सपर्ट की नजरें प्रधानमंत्री मोदी पर खासतौर पर होंगी. वहीं इस सम्मलेन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हिस्सा लेंगे. ऐसे में ये माना जा रहा है कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हो सकती है.
ये भी पढ़ें- डावोस से पहले बड़े क्यों लिए गए ऐसे आर्थिक फैसले
यह 18 सालों में पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति वैश्विक आर्थिक नेताओं की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेंगे.
इसके अलावा भारत की तरफ से छह केंद्रीय मंत्री, दो मुख्यमंत्री, वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और 100 से अधिक सीईओ हिस्सा लेंगे. यह भारत की अपनी तरह की सबसे बड़ी मौजूदगी होगी.
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम यानी डब्ल्यूईएफ का यह 48वां सम्मेलन 22 से 27 जनवरी तक चलेगा. इसमें दुनिया के 3000 से ज्यादा उद्योगपति और नेता शामिल होंगे.
इस बार इस सम्मलेन का थीम 'क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड' होगा.
डब्ल्यूईफ समिट में इस बार काफी तादाद में भारतीयों की मौजूदगी होगी. इसमें रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी, चंदा कोचर, समेत कई कंपनियों के सीईओ का नाम शामिल है.
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और डायरेक्टर करण जौहर भी यहां पहुंचेगे.
वहीं इस सम्मलेन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अपने कैबिनेट के कई मंत्रियों के साथ इस सम्मलेन में शामिल हो सकते हैं. साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति एम्मानुएल मैक्रॉन ने शामिल होने की घोषणा कर दी है.
ये भी पढ़ें- अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)