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यूपी में योगी सरकार आने के बाद बीजेपी में रौनक छाई हुई है. लेकिन यूपी में बीजेपी की प्रचंड जीत के बावजूद मोदी के शेरों के सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं. बूचड़खानों पर नकेल कसने की कवायद में हालात ये हो गए हैं कि पड्डे का गोश्त हजम करने वाले शेर अब चिकन खाने को मजबूर हैं.
सबसे पहले जानिए कि इटावा की लायन सफारी के शेर मोदी के शेर क्यों हैं?
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के दौरान गृहनगर इटावा में ड्रीम प्रोजेक्ट लॉयन सफारी की शुरुआत की थी. सूबे में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने इटावा लॉयन सफारी के लिए गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से शेर मांगे थे, जिसके बाद मोदी ने गुजरात के गिर से शेर भेजे थे. इस बात की पुष्टि खुद समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने भी की थी.
बीते साल अगस्त महीने में मुलायम सिंह यादव ने इटावा लॉयन सफारी में दो शेरों की मौत का मामला लोकसभा में उठाया था. मुलायम ने बेहद दुखी मन से कहा था कि मुख्यमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी द्वारा गिफ्ट किये गए शेरों में से दो शेर मर गए.
दरअसल, यूपी के अवैध बूचड़खाने योगी सरकार के निशाने पर हैं. लगातार छापेमारी कर अवैध बूचड़खानों को सील किया जा रहा है. खौफ का आलम ये है कि लाइसेंसधारी बूचड़खानों के मालिक भी दहशत में हैं. लिहाजा, मार्केट में मीट की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है.
अखिलेश ने भी कहा था कि इटावा की सफारी प्रोजेक्ट के लिए शेर पीएम मोदी ने ही दिया था और उसके बदले लकड़बग्घा यूपी से दिया गया था.
यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खानों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस छापामारी कर अवैध बूचड़खानों को सील कर रही है. यही वजह है कि मार्केट में मीट की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है.
इटावा लायन सफारी में शेरों के लिए मीट सप्लाई करने वाले ठेकेदार हाजी निजाम ने जानकारी देते हुए बताया, ‘अभी तक शेरों के लिए पड्डे (भैंसे) का गोश्त उपलब्ध कराया जाता था. लेकिन वो गोश्त नहीं मिल पाने की वजह से शेरों के लिए हर दिन 50 किलो बकरे का गोश्त भेजा जा रहा है. इससे हमें बहुत घाटा हो रहा है, लेकिन शेर भूखे न मरें, इसलिए हम बकरे का गोश्त उपलब्ध करा रहे हैं.’
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