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तुम कहते हो मेरे ब्रेस्ट छोटे हैं? मैं कहती हूं भांड़ में जाओ!

ये मेरा शरीर है किसी और की जागीर नहीं, किसी को भैंस बुलाना एक भद्दा मजाक है

सोनल गुप्ता
भारत
Updated:
(फोटो: कृतिका त्रेहान)
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(फोटो: कृतिका त्रेहान)
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‘बॅाडी शेमिंग’ यानी फिगर को लेकर हीन भावना पैदा करना. महिलाओं को अक्सर इस से दो-चार होना पड़ता है. कभी अपने मोटे शरीर की वजह से तो कभी अपने रंग को लेकर उन्हें मानसिक दबाव और शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है.

सुनने को मिलता है कि मैं एलसीडी टीवी की तरह हूं, क्योंकि मेरे पास ब्रेस्ट नहीं हैं
कृतिका त्रेहान, लेखक और डिजाइन ग्रैजुएट

डिजाइन ग्रेजुएट कृतिका त्रेहान ने अपनी किताब ‘एक्सेस’ के जरिए इस मुद्दे से जुड़े मिथ को बड़े रचनात्मक तरीके से उठाया है.

किसी को भैंस बुलाना, एक बदतमीज मजाक है

मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्य तब हुआ जब लोग लोग महिलाओं के शरीर को फ्रूट शेप के नाम से बुलाते हैं. पता नहीं कहां से ये वाहियात तुलना करने का आइडिया आया. क्यों महिलाओं को फ्रूट्स से कम्पेयर किया जा रहा है. 
कृतिका त्रेहान, लेखक और डिजाइन ग्रैजुएट

त्रेहान का ये किताब 13 से 40 साल की महिलाओं जिन्होंने अपने शरीर की वजह से शर्मिंदगी झेली है, के वास्तविक अनुभव पर आधारित हैं. 22 साल की कृतिका ने द क्विंट के साथ अपने खुद के अनुभवों को भी साझा किया.

त्रेहान की किताब में इस्तेमाल किए गए विजुअल. (फोटो: कृतिका त्रेहान)

‘हम देते हैं लोगों को कमेंट करने का मौका’

कृतिका त्रेहान बताती हैं कि किसी को ये हक नहीं है कि वो आपको बताए कि आपको कैसा दिखना चाहिए. आपका शरीर कभी परफेक्ट नहीं हो सकता. बॉडी शेमिंग को नो कहिए, जो आपका मजाक उड़ा रहे हैं उनसे कहिए, हैलो ये मजाक नहीं है, ये मेरी बॉडी है तुम्हारी नहीं. मेरी बॉडी पर बहस का हक उन्हें किसने दिया.

मेरे पापा के दोस्त ने मुझे बताया कि मेरा ‘फिगर’ पहले बेहतर था. उनका ये कमेंट मुझे बेहद खराब लगा. जब मैं स्कूल में थी और मेरा वजन बढ़ गया था तो मेरी दोस्त ने मुझे कहा कि , “ओह , अब तुम पंजाबी दिखती हो”. मैंने बहुत कोशिश की कि मुझे ऐसे कमेंट सुनने न पड़े, पर यह काफी नहीं था.
कई औरतों को ‘बॅाडी शेमिंग’ का अनुभव करना पड़ता है. (फोटो: कृतिका त्रेहान)

कृतिका की किताब का उद्देश्य ‘बॅाडी शेमिंग’ और उसके कारण महिलाओं के आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को उजागर करना है.

‘बॅाडी शेमिंग’ औरतों को बुरे सपने की तरह महसूस होता है. (फोटो: कृतिका त्रेहान)

क्यों किसी को भी, मेरी बॅाडी शेप की परवाह कर उसके बारे में कमेंट करने का हक मिलना चाहिए? क्यों मेरा शरीर बातचीत का एक खास टॅापिक बने?

(फोटो: कृतिका त्रेहान)

वीडियो एडिटर: सुनील गोस्वामी

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Published: 16 Jun 2016,07:25 PM IST

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