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मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक अब एक और नए मामले में फंसते नजर आ रहे हैं. नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की जांच के मुताबिक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) ने मुंबई से पकडे़ गए आईएसआईएस के कथित सदस्य अबु अनस को अक्टूबर 2015 में बतौर 'स्कॉलरशिप' 80 हजार रुपये दिए थे.
राजस्थान के टोंक के रहने वाले अबु अनस को जनवरी, 2016 में गिरफ्तार किया गया था. अबु अनस पर आरोप है कि वह आईएसआईएस की तरफ से लड़ने के लिए सीरिया जाने की फिराक में था. जांच एजेंसी एनआईए ने खुलासा किया है कि अबू अनस को साल 2015 में ही आईआरएफ की तरफ से 80 हजार रुपये बतौर स्कॉलरशिप दिए गए थे. फिलहाल वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में है.
जाकिर नाइक पर आतंकवाद को प्रेरणा देने और कट्टरता फैलाने का आरोप है. नाइक की संस्था आईआरएफ को केंद्र सरकार पिछले हफ्ते ही पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर चुकी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने भी आईआरएफ के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.
एनआईए की टीम ने जाकिर नाइक की संस्था आईआरएफ से जुड़े 20 दफ्तरों की तलाशी ले चुकी है. यहां से जाकिर नाइक के भाषणों की डीवीडी, वीडियो टेप, कंपनी को देश-विदेश से मिलने वाला चंदा और वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज को एनआईए ने अपने कब्जे में ले लिया है. दस्तावेजों की पड़ताल का काम जारी है.
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