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यूक्रेन-रूस विवाद के चलते यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों को लेकर परेशान हो रहे हैं, तो दूसरी ओर छात्र भी वापस आने के लिए टिकट बुक करने में लगे हुए हैं।
यूक्रेन स्थित टरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और इसमें यूनिवर्सिटी भी उनकी मदद कर रही है। हालांकि यूनिवर्सिटी में पढ़ाई अभी भी ऑफलाइन हो रही है, जिस कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ने से बच रहे हैं।
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे राजस्थान के छात्र निर्देश दोसी ने आईएएनएस को बताया, सरकार की एडवाइजरी आने के बाद ज्यादातर छात्र यूक्रेन से भारत वापस आना चाहते हैं। मैंने देखा है कि 10 मार्च तक सारी फ्लाइट्स बुक हैं। छात्र सोच रहे हैं कि जितनी जल्दी टिकट बुक हो जाए तो यहां से तुरंत निकला जाए।
दोसी ने कहा, भारतीय दूतावास ने अब तक दो बार नोटिस जारी किया है, पहले के नोटिस में लिखा कि हालात थोड़े खराब हैं। दूसरी बार में लिखा कि हालात अभी भी खराब हैं। दूसरा नोटिस आने के बाद छात्रों का मन यूक्रेन छोड़ने का कर रहा है। इसके अलावा हमारी यूनिवर्सिटी ने भी कहा है कि जिसे जाना है, वह भारत वापस जा सकता है।
दरअसल, कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि यूक्रेन में लगातार बढ़ रहे तनाव और अस्थिरता को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों, जिनका रुकना जरूरी नहीं है और सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ दें।
कहा गया, भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि चार्टर फ्लाइट की जानकारी के लिए संबंधित स्टूडेंट कॉन्ट्रैक्टर्स के साथ संपर्क में रहें और हर अपडेट के लिए दूतावास के फेसबुक, वेबसाइट और ट्विटर को लगातार फॉलो करते रहें।
उन्होंने आगे बताया कि टरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंदर करीब 40 से अधिक अन्य देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी सभी देशों के दूतावासों के संपर्क में है। हालांकि यूनिवर्सिटी के मुताबिक, हालात अभी सामान्य हैं, अगर हालात बिगड़ते हैं तो वापस भेजने की कोशिश करेंगे।
छात्र निर्देश दोसी ने आगे बताया, उनकी तरफ अभी हालात बेहद सामान्य हैं। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई भी ऑफलाइन हो रही है और खाने की सभी सामग्री भी मिल रही है। 50 फीसदी भारतीय छात्र वापस आने के लिए अपने टिकट बुक कर चुके हैं और अन्य प्रयास में हैं। भारत में बच्चों के माता-पिता भी परेशान हो रहे हैं।
कीव से भारत की फ्लाइट्स के टिकट 25 से 30 हजार रुपये के हैं। अभी भारत की ओर से एयर इंडिया की तीन विशेष विमानों की व्यवस्था की गई है, जिसके टिकट 60 हजार रुपये के हैं। इस कारण कई छात्र टिकट बुक नहीं कर पा रहे हैं।
इसके अलावा, अहमदाबाद (गुजरात) के रहने वाले विवेक जोशी (बदला हुआ नाम) ने वापस आने का टिकट बुक किया है। वह 28 फरवरी को वापस भारत आएंगे। उन्होंने आईएएनएस को बताया, यदि हम एक हफ्ते पहले टिकट बुक करते हैं, तभी टिकट बुक हो रहा है। एक-दो दिन पहले टिकट बुक नहीं हो रहा है।
इसके अलावा समस्या यह आ रही है कि यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि क्लासेस ऑनलाइन नहीं होंगी। यदि घबरा रहे हों तो एक महीने के लिए जा सकते हैं, लेकिन एक महीने में क्लास री वर्क करना पड़ेगा। लेकिन इससे हम पीछे हो जाएंगे और एक-एक महीने कर हमें आना होगा और वापस जाना होगा।
दरअसल, यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में यदि कोई छात्र एक दिन छुट्टी करता है तो उसका री वर्क लेना पड़ेगा और जिस क्लास में नहीं जा सके और उसका कोई कारण नहीं बता सके तो उसके लिए कुछ दाम चुकाने पड़ते हैं। वहीं यूनिवर्सिटी के तय समय तक वापस क्लास करने नहीं पहुंच सके तो उसका अलग रुपये चुकाने पड़ते हैं।
उन्होंने आगे बताया, माता-पिता बहुत चिंतित हो रहे हैं और हर दिन कहते हैं कि टिकट बुक कराकर वापस आ जाओ, लेकिन ऐसा संभव नहीं है।
जानकारी के अनुसार, कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का सर्वे कराया था, ताकि पता चले कि कितने छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसका मकसद था कि यदि हालात ज्यादा खराब हो तो सभी बच्चों को निकाला जा सके। साथ ही दूतावास छात्रों से लगातार संपर्क बनाए हुए है, इसके अलावा तीन स्पेशल चार्टेड फ्लाइटों की व्यवस्था की गई है। ये फ्लाइट 22, 24 और 26 फरवरी को उड़ान भरेंगी, लेकिन इनके दाम अधिक हैं। यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें ज्यादातर मेडिकल के छात्र हैं।
--आईएएनएस
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