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विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तीर्थयात्रियों की यात्राओं को धार्मिक तीर्थो के दौरे पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल, 1974 के तहत कवर किया गया है, जिसमें पाकिस्तान में 15 तीर्थस्थलों और भारत में छह तीर्थस्थलों की तीर्थयात्रा की सुविधा है।
उन्होंने बताया कि 2017 में 2,211 भारतीयों ने पाकिस्तान का दौरा किया, जबकि 984 पाकिस्तानी नागरिक भारत आए, जबकि 3,812 और 574, क्रमश: 2018 में, 4,273 और 242, 2019 में, 1,330 और 248 ने 2020 में, 5,425 और 70 ने 2021 में किया। 2022 में अब तक दोनों ओर से कोई तीर्थयात्री नहीं गया।
मुरलीधरन ने यह भी कहा कि भारत नियमित रूप से तीर्थयात्रियों के लिए परिवहन, सुरक्षा, आवास, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था सहित तीर्थयात्रा की सुविधा के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ संपर्क करता है।
इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर, 2019 को तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की सुविधा के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय तीर्थयात्रियों के साथ-साथ भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्डधारकों को भारत से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक दैनिक आधार पर पूरे वर्ष के लिए वीजा-मुक्त यात्रा प्रदान करता है।
मंत्री ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित कुछ पाकिस्तानी नागरिक, मुख्य रूप से हिंदू और सिख, जो समूह तीर्थयात्री वीजा पर भारत आए थे, धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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