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चिदंबरम की गिरफ्तारी पर इंद्राणी बोलीं, ‘अच्छी खबर है’

उच्च न्यायालय ने दी शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत

भाषा
न्यूज
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सीबीआई की तरफ से सरकारी गवाह बन चुकी हैं इंद्राणी
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सीबीआई की तरफ से सरकारी गवाह बन चुकी हैं इंद्राणी
(फोटो:AlteredByQuint)

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शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार एवं धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी ‘‘अच्छी खबर’’ है।

चिदंबरम को वित्त मंत्री के तौर पर आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपए की मंजूरी देने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर 21 अगस्त को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।

इंद्राणी मुखर्जी और उसके पति पीटर मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया समूह के पूर्व प्रमोटर हैं। इस समय दोनों इंद्राणी की बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में हैं।

सीबीआई ने पहले दावा किया था कि समूह ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़ी एक कंपनी को कथित रूप से भुगतान किया था।

इंद्राणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनकी (चिदंबरम की) गिरफ्तारी अच्छी खबर है। वह अब चारों ओर से घिर गए हैं।’’

इंद्राणी को उसकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत में पेश किया गया था। इसी दौरान उसने संवाददाताओं से बात की।

उसने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम को दी गई जमानत भी रद्द कर दी जानी चाहिए।

इंद्राणी इस साल जुलाई में पी.चिदंबरम और कार्ति के के खिलाफ सरकारी गवाह बन गई थी और उसने अपना इकबालिया बयान दर्ज कराया था।

इंद्राणी ने अपने बयान में कहा था कि वह और पीटर ने पी. चिदंबरम से दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में उनके कार्यालय में (जब वह वित्त मंत्री थे) मुलाकात की थी।

उसने अपने बयान में यह भी दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उनसे कहा था कि वे उनके बेटे कार्ति की उसके कारोबार में मदद करें और आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी के बदले विदेशों में भुगतान करें।

सीबीआई ने 15 मई 2017 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और इसमें वित्त मंत्री के तौर पर पी.चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में एफआईपीबी की अनुमति देने में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।

इसके बाद ईडी ने भी 2017 में इस मामले में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने फरवरी 2018 में इस मामले में कार्ति को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 मार्च, 2018 को कार्ति की जमानत मंजूर कर ली थी।

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Published: 29 Jul 2019,04:48 PM IST

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