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भारत सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें इस सम्मान के लिए चुना है। इस समारोह का वीडियो पद्म पुरस्कार पोर्टल पर देखा जा सकेगा।
प्रोफेसर अख्तर को जामिया- दिसंबर 2021 में नैक से ए प्लस मान्यता प्राप्त संस्थान की प्रथम महिला कुलपति होने का गौरव प्राप्त है। देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के बदलाव के लिए उन्हें एक प्रमुख शिक्षाविद् के रूप जाना जाता है।
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में जामिया को छठी रैंक हासिल हुई है। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए सेंट्रल यूनिवर्सिटीज प्रफोमेंस इवेल्यूशन में 95.23 प्रतिशत अंक हासिल कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
13 नवंबर, 1953 को जन्मी प्रोफेसर नजमा अख्तर ने शिक्षा में ए कम्पेरेटिव स्टडी ऑन कन्वेंशनल एंड डिस्टेंस एजुकेशन सिस्टम ऑफ हायर एजुकेशन विषय पर पीएचडी की है। वह एमए एजुकेशन और एमएससी बॉटनी की गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
उन्होंने प्रोफेसर के रूप में काम किया है और राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (एनयूईपीए), नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेनिंग एंड कैपसिटी बिल्डिंग इन एजुकेशनल की अध्यक्ष भी रहीं।
उन्होंने इग्नू, नई दिल्ली में डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम में सेवाएं दीं और तत्कालीन इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान की संस्थापक निदेशक रहीं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में एक्जामिनेशन और एडमिशन कंट्रोलर के प्रतिष्ठित पद के अलावा उन्होंने डायरेक्टर ऑफ एकेडमिक प्रोग्राम्स का पद भी संभाला।
प्रोफेसर अख्तर मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद, दिल्ली विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय और जामिया की चयन समिति और कार्यकारी समिति में विजिटर नॉमिनी रही हैं।
--आईएएनएस
जीसीबी/एसजीके
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