advertisement
नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चल रहे छात्र आंदोलन को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गैरजरूरी करार दिया है। उन्होंने सोमवार रात ने कहा कि जेएनयू में विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन के लिए कोई यूटिलिटी व सर्विस चार्ज नहीं लिया जा रहा है, ऐसे में फीस का मुद्दा अब निर्थक है। ऐसे में विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा आंदोलन अनावश्यक और राजनीति से प्रेरित है। निशंक ने कहा, "हम जेएनयू को प्रमुख अकादमिक व अनुसंधान संस्थान बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं। पोखरियाल ने यह आह्वान भी किया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा न बनने दिया जाए।"
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि जेएनयू के फीस संबंधित मामले को संस्थान के विद्यार्थियों और शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की चर्चाओं के बाद सुलझा लिया गया है।
पोखरियाल के मार्गदर्शन में उनके मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति के सदस्यों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष वी.एस.चौहान, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जैन शामिल हैं। इस समिति ने जेएनयू में सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर समाधान निकालने की सलाह दी थी।
मंत्री के मुताबिक, उच्चाधिकार समिति की सिफारिशों और विद्यार्थियों व जेएनयू प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव की 10 और 11 दिसंबर को हुई बैठक के आधार पर सहमति बनी थी कि विद्यार्थियों से विंटर सीजन में रजिस्ट्रेशन के लिए कोई यूटिलिटी और सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएगा। हालांकि, बदले हुए हॉस्टल रूम चार्ज लागू होगा लेकिन इसमें बीपीएल के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
निशंक ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने बैठक में बनी सहमति के आधार पर लिए गए फैसलों के बारे में विद्यार्थियों को सूचित कर दिया था। ऐसे में फीस का मुद्दा अब खत्म हो चुका है, क्योंकि विद्यार्थियों की प्रमुख मांग मान ली गई है। इसी का परिणाम है कि अब तक पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
मंत्री निशंक ने सोमवार को एक बार फिर छात्रों का आह्वान किया कि वे अपना आंदोलन खत्म करें।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)