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अर्जुन मुंडा ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के तौर पर वह राज्य सरकार की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार हैं। झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड में मेडिकल सुविधाओं की भारी कमी है। न पर्याप्त क्वारंटीन सेंटर बन पाए हैं और न ही गरीबों को ठीक से राशन मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि झारखंड 90 प्रतिशत केंद्र की मदद पर निर्भर है, इस सवाल पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी और काम के घंटे बढ़ाए हैं। झारखंड के प्रवासियों के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाई। जरूरत पड़ने पर राज्य के सभी सांसद गृहमंत्री से भी मिलेंगे।
अर्जुन मुंडा ने कहा, " मैं झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार से भी आग्रह करता हूं कि इस संकट की घड़ी में हमें राजनीति से दूर रहकर आपसी सहयोग के साथ झारखंड के हितो की रक्षा करनी चाहिए। राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी पूरी सरकारी मशीनरी को अपग्रेड कर कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए प्रयास करे। हमे राज्य के आपदा प्रबंधन के साथ हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्च र को अब और भी अधिक विकसित करना चाहिए।"
हेमंत सोरेन सरकार कोरोना की चुनौती से झारखंड को बचाने में कितनी सफल हुई है ,यह पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि राज्य में वायरस से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार भोजनए दवाई उपलब्ध कराने में राज्य सरकार की कठिनाई दूर कर रही है।
अर्जुन मुंडा ने कहा, "मगर कुछ समस्याओं का समाधान राज्य सरकार को ही करना है जैसे- हॉस्पिटल की ओपीडी बंद है। टेस्टिंग के लिए पर्याप्त किट नहीं है। हॉस्पिटल में मेडिकल सुविधायों की भारी कमी है। राज्य में पर्याप्त क्वारंटीन सेंटर नहीं बन पाए हैं। गरीबो को राशन मिलने में कठिनाइयां आ रही हैं। बाहर के प्रवासी मजदूर जो झारखंड आ रहे हैं, उनकी व्यवस्था राज्य सरकार और दुरुस्त करे। राज्य सरकार प्रयास करे कि जो अव्यवस्थायें हो रही हैं उनको कैसे व्यवस्थित किया जाए। मुख्यमंत्री को खुद मॉनीटरिंग करनी चाहिए।"
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रयास के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "मैंने लॉकडाउन के दौरान झारखण्ड के जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और कारोबारियों से बात कर उनकी समस्याएं जानीं। मैने अब तक झारखंड के बाहर लगभग पांच हजार जरूरतमंदों की सहायता की।"
अर्जुन मुंडा ने कहा, "झारखंड में कल-कारखाने बंद होने से कारोबारियों के सामने भी संकट है। फिर भी राज्य सरकार उनसे बिजली बिल वसूल रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बात के दौरान सकारात्मक आश्वासन मिला है। कोविड 19 की जांच बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से भी बात की है। कुछ सरकारी अस्पतालों में ओपीडी न चलने और खाद्यान्न की समस्या पर मुख्यमंत्री से बात हुई है।"
अर्जुन मुंडा ने कहा, "मैं राज्य सरकार को अपील करता हूं कि वह इस विषय पर उचित और ता*++++++++++++++++++++++++++++र्*क कदम उठाए और केंद्र सरकार में मंत्री होने के नाते उन्हें मेरी जो सहायता चाहिए झारखंड वासियों के हित के लिए मैं सदैव तत्परता के साथ तैयार हूं।
--आईएएनएस
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