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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से 17 नवंबर को ईडी पूछताछ करेगी. ED ने दूसरी बार झारखंड में अवैध खनन के जरिए मनी लांड्रिंग के मामले में हेमंत सोरेन के नाम समन जारी किया है. उन्हें आने वाली 17 नवंबर को ईडी के रांची के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है. इसके पहले ईडी ने उन्हें बीते 3 नवंबर को उपस्थित होने को कहा था. लेकिन सोरेन ने अपनी लगातार व्यस्तताओं का हवाला देते हुए ईडी से तीन हफ्ते का वक्त मांगा था.
ईडी ने झारखंड में अवैध खनन के जरिए एक हजार करोड़ की मनी लांड्रिंग का पता लगाया है. इस मामले में मुख्यमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट स्थित उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्र को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया गया है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पंकज मिश्र के खिलाफ दायर चार्जशीट में उसे मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया है. ईडी ने इसके अलावा पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने भी पूछताछ में हेमंत सोरेन से अपने संबंधों के बारे में जानकारी दी है. माना जा रहा है कि इन्हीं तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
ईडी ने पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रिम्स में भर्ती रहने के दौरान फोन पर अधिकारियों से बात करने और मुख्यमंत्री के नाम पर उन्हें डराने का मामला भी पकड़ा था. ईडी ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच के दौरान इस बात के भी सबूत जुटाये हैं कि पंकज मिश्रा व उसके सहयोगी अवैध खनन के मामले में जिले के अधिकारियों को मुख्यमंत्री का नाम लेकर डराते थे.
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक मुख्यमंत्री के नाम पर राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोका जाता था. साहिबगंज में छापेमारी के दौरान ईडी को पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा मिला था. इसमें मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था. इसमें से दो चेकबुक हस्ताक्षरित (Singed) थे. हालांकि, इसमें राशि का जिक्र नहीं किया गया था.
ईडी ने इसके पहले मनरेगा घोटाले के जरिए मनी लांड्रिंग में झारखंड की सीनियर आईएएस खनन सचिव पूजा सिंघल को भी गिरफ्तार किया था. उनसे जुड़े सीए सुमन कुमार के ठिकाने से 17.49 करोड़ नकद मिले थे. ईडी को जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली थी कि इसमें अवैध खनन से मिली राशि भी शामिल है. पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री से इन सभी मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं.
ईडी कुछ बड़े अफसरों को भी नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुला सकता है. गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ के दौरान इन अफसरों के नाम सामने आये हैं.
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