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जम्मू एवं कश्मीर में महागठबंधन अवसरवादी था : राज्यपाल

जम्मू एवं कश्मीर में महागठबंधन अवसरवादी था : राज्यपाल

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जम्मू एवं कश्मीर में महागठबंधन अवसरवादी था : राज्यपाल
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जम्मू एवं कश्मीर में महागठबंधन अवसरवादी था : राज्यपाल
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जम्मू, 22 नवंबर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को राज्य विधानसभा को भंग करने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का महागठबंधन 'अवसरवादी' था। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "सदन को भंग करने का निर्णय जम्मू एवं कश्मीर के संविधान के अंतर्गत लिया गया। जम्मू एवं कश्मीर के मामले में, मुझे संसद से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है और मुझे केवल इस निर्णय के बारे में राष्ट्रपति को सूचित करने की जरूरत थी।"

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा किया था। इसके बाद पीपुल्स कांफ्रेंस नेता सज्जाद लोन ने भी भाजपा और पीडीपी के बागी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने के दावा किया। इसके बाद बीती रात नाटकीय घटनाक्रम में राज्यपाल ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया।

इस आरोप पर कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहीं हैं, उन्होंने कहा, "मैं ऐसे चीजें नहीं कह सकता। मैं एक जिम्मेदार पद पर हूं और बिना किसी सबूत के मैं कुछ भी नहीं कह सकता। यह महागठबंधन अवसरवादी था। इसके लिए कोई समझौता नहीं हुआ था। यहां तक कि एक पार्टी कह रही थी कि सरकार बनाने को लेकर उन लोगों के बीच कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई है।"

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने के आरोपों को भी खारिज कर दिया और कहा, "वे (पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस) अच्छी तरह जानते हैं कि भाजपा मुख्यालय क्या चाहती है। भाजपा का यहां एक उम्मीदवार है। अगर मुझे भाजपा को सुनना होता, तो मैं उनके पक्ष को बुलाता। लेकिन, मैंने वही किया जो मुझे संविधान के तहत सही लगा।"

मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि बीते 15-20 दिनों से वह विधायकों के खरीद-फरोख्त के बारे में सुन रहे थे।

उन्होंने कहा, "मैंने शुरुआत में ही कहा कि मैं कपटपूर्ण ढंग से (अंडरहैंड) या दलबदल से या किसी के धमकाने के आधार पर समर्थन नहीं करूंगा। मैं यहां निर्वाचित सरकार चाहता हूं।"

उन्होंने कहा, "मैंने सदन को भंग करने का निर्णय लिया क्योंकि इन पार्टियों के विधायक खरीद-फरोख्त में संलिप्त थे। मैं बीते 15-20 दिनों से विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरें सुन रहा था। मुझे खरीद-फरोख्त, विधायकों को धमकाने की रिपोर्ट प्राप्त हो रही थी। अगर मैं किसी को भी सरकार बनाने का अवसर देता, तो खरीद-फरोख्त और ज्यादा बढ़ जाता और राज्य की पूरी राजनीतिक, न्यायिक प्रणाली बर्बाद हो जाती।"

उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न नगरपालिका चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं आई।

उन्होंने कहा, "हम राज्य को विकास की राह पर ले जा रहे हैं। हम लोकतंत्र को उसकी जड़ों तक ले जा रहे हैं।"

राज्य में स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों व पुलिस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, " सुरक्षा बल हमारी सुरक्षा कर रहे हैं और इनकी वजह से घाटी में स्थिति नियंत्रित हुई है। पथराव की घटना में काफी कमी आई है।"

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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