मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पहले पति की मौत,3 महीने बाद घर भी गया.. जोशीमठ की बबीता पर टूटा दुखों का पहाड़

पहले पति की मौत,3 महीने बाद घर भी गया.. जोशीमठ की बबीता पर टूटा दुखों का पहाड़

Joshimath Crisis Ground Report: बबीता के पति अपने पीछे सात साल के बेटे और पांच साल की बेटी को भी छोड़ गए हैं.

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>पहले पति की मौत,3 महीने बाद घर भी गया.. जोशीमठ की बबीता पर टूटा दुखों का पहाड़</p></div>
i

पहले पति की मौत,3 महीने बाद घर भी गया.. जोशीमठ की बबीता पर टूटा दुखों का पहाड़

(फोटो- क्विंट)

advertisement

उत्तराखंड के दरकते जोशीमठ (Joshimath Crisis Ground Report) में एक-एक कर टूटते घरों के साथ कई सपने टूट रहे हैं. यादे छूट रही हैं. हर परिवार का बेतहाशा दर्द है लेकिन कुछ के लिए मानों मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है. कुछ ऐसा ही दर्द है 27 साल की बबीता और उनके 2 मासूम बच्चों का. पति की मौत के 3 महीने के अंदर जोशीमठ के इस संकट ने उनसे उनका घर भी छीन लिया. अब उनके बच्चों के सिर पर पिता के हाथ के साथ-साथ अपना छत भी है. क्विंट हिदी से बबीता ने अपना दुख व्यक्त किया.

"बच्चों को क्या पता यह क्या हो रहा है"

बबीता ने बताया कि अक्टूबर 2022 में उनके पति की मौत हो गयी थी. उनके पति मजदूरी करते थे और आये दिन बीमार रहते थे. बीमारी के बीच ही उनके पति की मौत हो गयी. जिस उम्र में बबीता ने अपने पति के साथ जिंदगी गुजारने के सपने देखें, उसी में वो विधवा हो गयी. उनके पति अपने पीछे बबीता के साथ-साथ दो बच्चों को भी छोड़ गए हैं- सात साल का बेटा समर और पांच साल की बेटी रिया.

लेकिन बबीता और उनके दोनों छोटे बच्चों का ये दुःख और बढ़ने वाला था. पति को खोने के 3 महीने के भीतर उनसे उनका घर भी छिन गया है.

बबीता और उनके दो छोटे बच्चे

(फोटो- क्विंट)

जोशीमठ में भू-धसाव से पड़ीं घरों और सड़कों की दरारें और चौड़ी होती गयीं और उसने हर दूसरे घर की तरफ बबीता के घर को भी अपना शिकार बनाया. प्रशासन ने बबीता का घर अब तोड़ दिया, जिससे उसकी माली हालत और खराब हो गयी है. बबीता बताती हैं कि बड़ी मुश्किल से उन्हें एक कमरा किराए पर मिला है. उसी में वो बच्चों के साथ रहेंगी.

"बच्चों को क्या पता यह क्या हो रहा है. वे लोगो का हुजूम देखते हैं तो उनके बीच चले जाते हैं. मैं मां हूं, मुझे कम से कम दो वक्त का भोजन अपने बच्चों के लिए इंतजाम करना है... शायद मेरे भाग्य में यही लिखा था. अब तो जिंदगी पटरी से उतर गयी है."
बबीता
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF की आठ टीमें जोशीमठ में तैनात

जोशीमठ में भू-धंसाव से पड़ीं चारों ओर दरारें और चौड़ी हो रही हैं. आपदा प्रंबधन प्रधिकरण, चमोली ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें 9 वॉर्ड की 723 भवनों में दरारें दर्ज की गई हैं. 86 भवनों को अनसेफ जोन में रखा गया है. राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा भी दे रही है.

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी दी है कि "169 परिवारों के 589 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. अब तक 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि दी गई है. SDRF प्रावधानों के अनुसार 10 परिवारों को 1,30,000 रुपये प्रति परिवार प्रदान किए गए."

उन्होंने जानकारी दी है कि "आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF की आठ टीमें जोशीमठ में तैनात हैं. बिजली के तारों और खंभों की सुरक्षा के लिए 2.14 करोड़ रुपये जारी किए गए. NDRF की दो टीमें तैनात हैं, एक टीम रास्ते में है."

इनपुट- मधुसूदन जोशी

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT