advertisement
नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)| नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के जीवन और संघर्ष पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'द प्राइस ऑफ फ्री' को बुधवार को दुनियाभर में यू-ट्यूब पर रिलीज किया गया। यह डॉक्यूमेंट्री सत्यार्थी के बाल श्रम व दासता को खत्म करने की कहानी को बयां करती है। 93 मिनट की इस फिल्म के माध्यम से सत्यार्थी के उन प्रयासों को दिखाने की कोशिश की गई है, जिसमें वे उन कमजोर और वंचित तबकों के बच्चों को शोषण के चंगुल से मुक्त कराने में सफल होते हैं, जिनसे जबरन मजदूरी कराई जाती है।
सत्यार्थी ने फिल्म के माध्यम से कहा, "यह मेरे साथियों धूमदास, आदर्श किशोर और कालू कुमार के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की खातिर अपनी जान की भी परवाह नहीं की।"
नोबेल पुरस्कार विजेता ने सभी से इस फिल्म को देखने की गुजारिश की और कहा कि वे एक ऐसी दुनिया के निर्माण में हमारा सहयोग करें, जहां सभी बच्चे स्वतंत्र, स्वस्थ, सुरक्षित और शिक्षित हों।
फिल्म के निर्देशक डेरेक डोनेन ने कहा, "कैलाश के जीवन और संघर्षों को जानने के बाद मैं इतना अभिभूत हुआ कि उससे मैं उन पर फिल्म बनाने को प्रेरित हो गया। यह फिल्म कैलाश के साहसिक अभियानों की कहानी कहती है, जो कई लोगों को असंभव सी लग सकती है।"
कैलाश सत्यार्थी कहते हैं कि कई हमलों और दहशत के बावजूद बच्चों को आजाद कराने का हमारा सिलसिला कभी थमता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म हमारे अंतरमन में करुणा, आशा और साहस का भी संचार करती है।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)