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Kanpur Custodial Death: शरीर पर 31 चोटों के निशान, पुलिस की बर्बरता का खुलासा

Kanpur Custodial Death: रिपोर्ट के मुताबिक, जो चेटें आई हैं वो बताती हैं कि शख्स को किसी ठोस चीज से पीटा गया है

विवेक मिश्रा
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Kanpur Custodial Death: शरीर पर 31 चोटों के निशान, पुलिस की बर्बरता का खुलासा</p></div>
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Kanpur Custodial Death: शरीर पर 31 चोटों के निशान, पुलिस की बर्बरता का खुलासा

फोटो- क्विंट हिंदी 

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दो हफ्ते पहले कानपुर (Kanpur) में लूट के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को शक के आधार पर हवालात में बंद किया, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ती है और फिर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाती है.

इसके बाद पुलिस लगातार बता रही है कि यह मौत कस्टडी (Custodial Death) में मारपीट से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई. लेकिन अब शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कई खुलासे हुए हैं.

जिस हत्या को उत्तर प्रदेश कि कानपुर पुलिस हार्ट अटैक से हुई मौत साबित करने में लगी थी उसमें शव की पोस्टमार्टम के बाद कई खुलासे हुए हैं. कानपुर के शिवली थाने पुलिस अभिरक्षा में पूछताछ के दौरान कथित रूप से टॉर्चर का शिकार हुए बलवंत सिंह के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 31 जगह चोटों के निशान आए हैं जो पुलिसिया बर्बरता की दास्तां बयां कर रहा है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट

फोटो- क्विंट हिंदी

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की बात करें तो बलवंत सिंह के शरीर पर सबसे ज्यादा चोटें हाथ, पैर, कूल्हा और कमर पर हैं. कुछ चोट के निशान चेहरे पर भी हैं. रिपोर्ट के अनुसार जो चोटें आईं हैं वो बताती है कि शख्स को किसी ठोस या कड़क चीज से पीटा गया है.

कस्टोडियल टॉर्चर के मामलों में आमतौर पर देखा गया है कि पुलिस डंडे और पट्टे से एक जगह लगातार प्रहार करती है जिसकी वजह से शरीर का वह हिस्सा नीला पड़ जाता है. रिपोर्ट में मौत का कारण एंटी मार्टम इंजरी (Anti mortem injury) है.
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क्या है पूरा मामला?

6 दिसंबर 2022 को कानपुर के रनिया थाना के अन्तर्गत सर्राफ चंद्रभान सिंह को तीन अज्ञात बाइक सवारों ने लूटा था. घटना की जांच कर रहे शिवली थाने की पुलिस और पुलिस अधीक्षक के अन्तर्गत गठित टीम स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 12 दिसंबर को कथित तौर पर पीड़ित सर्राफ चंद्रभान सिंह के 30 वर्षीय भतीजे बलवंत सिंह को शक के चलते थाने में लाकर बंद किया.

मृतक बलवंत सिंह के परिजनों का आरोप है कि वहां पर पुलिस ने बलवंत को बुरी तरीके से मारा-पीटा, जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई. इलाज के लिए उसे जब अस्पताल ले जाया गया तो उसकी मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में शुरुआत में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया था.

जांच में गिरफ्तार हैं पांच पुलिसकर्मी

बलवंत सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने काफी बवाल मचाया. इसके बाद परिजनों की तहरीर पर पांच नामजद और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू हुई थी. जैसे-जैसे मामला मीडिया में तूल पकड़ता गया इस मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंची और सरकार ने भी इस मामले का संज्ञान लिया.

पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करने के लिए कन्नौज पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम गठित की गई है. कन्नौज के पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह के मुताबिक अभी तक जांच में तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह समेत 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

पुलिस राज चाहती है सरकार: अखिलेश यादव

पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर बलवंत की हुई हत्या का मामला अब धीरे-धीरे सियासी तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक तरफ सत्ता पक्ष के कई लोग बलवंत के परिजनों से मिलकर उनको सहायता का आश्वासन दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मृतक बलवंत की पत्नी शालिनी सिंह ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई थी.

अखिलेश यादव ने मामले का संज्ञान लेते हुए मृतक बलवंत के गांव लालपुर सरैया पहुंचे. परिजनों से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा," जिस पुलिस से हमें उम्मीद है कि वह न्याय करेगी, पुलिस मदद करेगी और अगर हम कभी किसी परेशानी में पड़ेंगे तो अपनी रक्षा की मांग करेंगे. लेकिन यहां पुलिस ने ही बलवंत सिंह की जान ले ली. पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है. कोई सोच सकता है इस सभ्य समाज में जहां बलवंत सिंह को 3 घंटे से ज्यादा मारा गया हो. जिसने भी उसका शरीर या उसका तस्वीर देखा होगा वह डर जाएगा कि पुलिस का एक चेहरा यह भी हो सकता है. यह जो पुलिस का चेहरा बना है वह सरकार की वजह से बना है सरकार पुलिस राज चाहती है."

इनपुट क्रेडिट- विवेक मिश्रा

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