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दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने विशेषज्ञ पैनल के उन निष्कर्षों का मजाक उड़ाया है. विशेषज्ञ पैनल ने कहा है कि यमुना किनारे आयोजित विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम ने यमुना के डूब वाले इलाके में तबाही मचाई है.
कपिल मिश्ना ने इसके जवाब में जोर देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को फिर से ‘‘उसी तट के किनारे'' आयोजित किया जाना चाहिए. साथ ही जल मंत्री ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को इस कार्यक्रम को दोबारा आयोजित कराने के लिए आमंत्रित किया है. पिछले वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन रविशंकर ने ही किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास गवाह है कि जब कभी भी लोग और समाज नदियों से जुड़े हैं त्योहार आयोजित किए हैं तब नदियां स्वच्छ और मौलिक रही हैं.
गौरतलब है कि विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को बताया है कि यमुना के डूब क्षेत्र को बहाल करने के लिए 42.02 करोड़ रपए का खर्च आएगा.
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