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करनाल (Karnal) में किसानों का धरना खत्म हो गया है. प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया. करनाल में स्थानीय प्रशासन और किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता में अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंहकल ने कहा वार्ता सकारात्मक वातावरण में हुई. आम सहमति से निर्णय हुआ है कि सरकार 28 अगस्त को हुए घटना की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करवाएगी. जांच 1 महीने में पूरी होगी.
प्राशासन ने किसानों के आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ हुए लाठीचार्ज की होगी जांच
शनिवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण यहां किसानों का धरना बाधित हो गया था.
बारिश के बाद खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर स्थिति अराजक थी. हालांकि किसानों ने वाटर प्रूफ टेंट लगवाए हैं, लेकिन ऐसे टेंट की क्षमता कम होती है. मुख्य टेंट कई जगहों पर लीक हो गया, जिससे किसानों को परेशानी हुई.
प्रदर्शनकारी किसानों ने मिनी सचिवालय के सामने सेक्टर 12 के एससीओ के बरामदे में शरण ली.
किसान संघों ने आने वाले दिनों में देश भर में कई बैठकें करने की योजना बनाई है. उन्होंने तब तक सरकार से बात करने से इनकार कर दिया है जब तक कि एक आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा को निलंबित नहीं कर दिया जाता है, जो एक वायरल वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों की “खोपड़ी फोड़ने” का निर्देश दे रहे थे.
करनाल में हुई बैठक में किसानों ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने, परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा, मृतक किसान सुशील काजल के बेटे को नौकरी और हर घायल किसान को दो लाख रुपये राहत कोष के रूप में देने की भी मांग की थी.
घटना के बाद से सिन्हा का तबादला कर दिया गया है और वह वर्तमान में नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात हैं.
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