Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 देश में खेल संस्कृति की अलख जगाता- खेलो इंडिया  

देश में खेल संस्कृति की अलख जगाता- खेलो इंडिया  

खेलो इंडिया के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए 12 वर्टिकल्स पर काम शुरू किया गया.

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
खेल मंत्री  किरण रिजिजू गुहावटी में खेलो  इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण के आयोजन दौरान 
i
खेल मंत्री किरण रिजिजू गुहावटी में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण के आयोजन दौरान 
फोटो: स्पोर्ट्स कीड़ा 

advertisement

खेलो इंडिया की आजकल खूब चर्चा है. खेलो इंडिया के तहत खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण का आयोजन शुक्रवार से असम की राजधानी गुवाहाटी में होने जा रहा है. इस इवेंट में देश भर के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इससे पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का आयोजन 2018 में नई दिल्ली में किया गया और फिर 2019 में इसका आयोजन पुणे में हुआ लेकिन इसका नाम बदलकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स को समझने के लिए पहले यह समझना होगा कि यह खेलो इंडिया अभियान का हिस्सा है. खेलो इंडिया देश में खेलों के विकास का एक राष्ट्रीय प्रोग्राम है. जाहिर तौर पर इसका संचालन खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है. 2018 में इसकी परिकल्पना देश के सामने आई.

तत्कालीन खेल मंत्री और ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा था कि खेलो इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है क्योंकि वह इसके माध्यम से इंडिया को फिट देखना चाहते हैं. साथ ही साथ खेलो इंडिया का मकसद देश के दूर-दराज इलाकों से प्रतिभाओं को तलाशना और उन्हें तराशना है, जिससे कि वे आगे जाकर सर्वोच्च स्तर पर देश का नाम रौशन कर सकें.

राठौर ने खेलो इंडिया के सम्बंध में अपने पहले सम्बोधन में कहा था, "किसी के जीवन में खेल और फिटनेस का अमूल्य योगदान है. खेलने से न सिर्फ फिटनेस बना रहता है बल्कि इससे टीम भावना आती है. रणनीति बनाने और उस पर चलने की क्षमता का विकास होता है. साथ ही साथ नेतृत्व क्षमता का विकास होता है और एक खिलाड़ी अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करते उसे हासिल करने के लिए जरूरी रिस्क भी ले सकता है. एक व्यक्ति स्वस्थ होगा तो इससे देश स्वस्थ होगा."

तो फिर खेलो इंडिया का मूल उद्देश्य क्या फिट इंडिया मूवमेंट को सफल बनाना था? नहीं.

खेलो इंडिया प्रोग्राम को देश में खेल संस्कृति के विकास के लिए शुरू किया गया है. इसका मकसद उन सभी खेलों में प्रतिभाओं की तलाश करना है, जिन्हें भारत खेलता है. मुख्य रूप से इस अभियान का मकसद भारत को महान खेल राष्ट्र बनाना है.

खेल मंत्री किरण रिजिजू गुहावटी में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण में पुरस्कार देते हुए फोटो: प्रांग न्यूज़ 

खेलो इंडिया के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए 12 वर्टिकल्स पर काम शुरू किया गया.

  1. खेल संरचना के निर्माण और पुनर्निमाण के साथ-साथ उनका उपयोग.
  2. प्रतिभाओं की तलाश और विकास.
  3. वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन.
  4. राज्यस्तरीय खेलो इंडिया सेंटर्स का विकास.
  5. सामुदायिक कोचिंग विकास.
  6. खेल के मैदानों का विकास.
  7. ग्रामीण एवं पारंपरिक तथा जनजातीय खेलों का विकास.
  8. शांति और विकास के लिए खेल.
  9. दिव्यांगों के बीच खेलों का विकास.
  10. महिलाओं के लिए खेल.
  11. स्कूली बच्चों के बीच फिजिकल फिटनेस का विकास.
  12. राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य खेल अकादमियों को सहयोग
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
इस 12 सूत्री एजेंडे के तहत हाई-पावर्ड कमिटि द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पहचानना और उनमें से जो श्रेष्ठ हैं, उन्हें आठ साल तक प्रति साल पांच लाख रुपये की स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है.

इसके लिए खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का आयोजन पहली बार नई दिल्ली में किया गया. इसमें अंडर-17 आयु वर्ग के एथलीटों ने 31 जनवरी से 8 फरवरी तक तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, फुटबाल, जिमनास्टिक, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, शूटिंग, तैराकी, वॉलीबॉल भारोत्तोलन और कुश्ती में हिस्सा लिया.

ये वो खेल हैं, जिनमें भारत या तो ओलंपिक स्तर पर पदक जीत चुका है या फिर एशियाई स्तर पर चैम्पियन रहा है. बैडमिंटन, मुक्केबाजी, हॉकी, शूटिंग, भोरोत्तोलन और कुश्ती में भारत को ओलंपिक में पदक मिल चुके हैं और शेष खेलों में भारत ने एशियाई स्तर पर पदक जीते हैं. ऐसे में सरकार का मकसद इन्हीं खेलों में खिलाड़ियों को शामिल करना और उन्हें खोजकर आगे के लिए तराशना है.

दिल्ली के बाद पुणे में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का आयोजन किया गया लेकिन इस बार इसका नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया. पुणे के बाद अब गुवाहाटी में इन खेलों के तीसरे संस्करण का आयोजन होने जा रहा है. इन खेलों के माध्यम से सरकार दो लक्ष्यों को हासिल करना चाहती है. पहला-खेलों में बड़े पैमाने पर हिस्सेदारी और दूसरा-खेलों में उत्कृष्टता हासिल करना.

भारत में स्कूलों में खेलों का संचालन करने वाली सबसे बड़ी संस्था-स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के सहयोग से इन खेलों का आयोजन होता है और इसमें राष्ट्रीय खेल महासंघों की भी अहम भागीदारी होती है. साथ ही साथ भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), मेजबान राज्य की सरकार और सबसे मुख्य रूप से भारत सरकार के खेल मंत्रालय का इसे सहयोग और समर्थन प्राप्त होता है.

(इनपुट: IANS)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT