advertisement
कनाडा की संसद में मंगलवार को इस मुद्दे को उठाया गया. भारत ने सभी आरोपों को आधारहीन और अस्वीकार्य बताते हुए खारिज कर दिया है. इस पर विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने बुधवार को ट्रूडो से भारत के खंडन पर प्रतिक्रिया देने को कहा.
टूड्रो ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का बचाव किया था और कहा था, "जब हमारे टॉप आफिशियल में से कोई या सुरक्षा अधिकारियों में से कोई कनाडा के लोगों से कुछ कहता हैं तो वो इसलिए क्योंकि वो जानता है कि ये सच है." भारत के खिलाफ आरोपों को अजीब बताते हुए विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के नेता एंड्रयू शीर ने प्रधानमंत्री टूड्रो से कहा, "क्या प्रधानमंत्री अपने इस साजिश सिद्धांत के समर्थन में कोई सबूत पेश करेंगे?"
विपक्षी दल खालिस्तानी अलगाववादियों की निंदा और भारत की एकता के समर्थन में गुरुवार को संसद में प्रस्ताव लाने जा रहा है. ये देखना दिलचस्प रहेगा कि टूड्रो और उनकी पार्टी के कई सिख सांसद इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं.
टोरंटो, 1 मार्च (आईएएनएस)| पिछले सप्ताह दिल्ली में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो के रात्रिभोज में पूर्व खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल को निमंत्रण दिए जाने के विवाद ने कनाडा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष भारत की एकता व अखंडता के समर्थन और खालिस्तानी अलगाववादियों की निंदा के लिए एक प्रस्ताव लाने जा रहा है। टड्रो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने 'टड्रो की भारत यात्रा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से भारत सरकार के कुछ तत्वों' द्वारा अटवाल को निमंत्रण भेजने की साजिश का आरोप लगाया था। टड्रो ने इस बात का विरोध नहीं किया जिसके बाद कनाडा की संसद में मंगलवार को इस मुद्दे को उठाया गया।
भारत ने इन आरोपों को आधारहीन और अस्वीकार्य बताते हुए खारिज कर दिया है। इस पर विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने बुधवार को टड्रो से भारत के खंडन पर प्रतिक्रिया देने को कहा।
टड्रो ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का बचाव किया था और कहा था, जब हमारे शीर्ष राजनयिकों में से कोई या सुरक्षा अधिकारियों में से कोई कनाडा के लोगों से कुछ कहता हैं तो वह इसलिए क्योंकि वह जानता है कि यह सच है।
भारत के खिलाफ आरोपों को अजीब बताते हुए विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के नेता एंड्रयू शीर ने प्रधानमंत्री टड्रो से कहा, क्या प्रधानमंत्री अपने इस साजिश सिद्धांत के समर्थन में कोई सबूत पेश करेंगे?
विपक्षी दल खालिस्तानी अलगाववादियों की निंदा और भारत की एकता के समर्थन में गुरुवार को संसद में प्रस्ताव लाने जा रहा है।
यह देखना दिलचस्प रहेगा कि टड्रो और उनकी पार्टी के कई सिख सांसद इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)