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भोपाल, 20 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे शहीद हेमंत करकरे पर की गई टिप्पणी पर निर्वाचन आयोग ने शनिवार को नोटिस जारी किया है। प्रज्ञा और भाजपा के जिलाध्यक्ष को जवाब देने के लिए एक दिन का समय दिया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम खाड़े ने शनिवार को भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर व भाजपा जिलाध्यक्ष विकास वीरानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया है, "प्रज्ञा ठाकुर का बयान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आदर्श आचार संहिता की शर्तो का नियमानुसार उल्लंघन है।"
जिला निर्वाचन अधिकारी ने वीरानी और ठाकुर को स्पष्टीकरण के लिए एक दिन का समय दिया है। अधिकारी ने तय समयावधि में उत्तर प्रस्तुत न किए जाने की दशा में एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
प्रज्ञा के बयान की चौतरफा निंदा होने पर उन्होंने शुक्रवार रात माफी मांगते हुए बयान वापस ले लिया था। वहीं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी. एल. कांताराव ने शुक्रवार रात प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर संज्ञान लिए जाने की बात कही थी।
प्रज्ञा ने मालेगांव बम विस्फोट में गिरफ्तारी के दौरान प्रताड़ित करने का हेमंत करकरे पर आरोप लगाया था। उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच कहा था, "उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने कहा कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि 'तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा।"'
प्रज्ञा ने कहा, "उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ।"
समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हमला किया था। इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए महाराष्ट्र एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे शहीद हो गए थे।
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