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RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही, उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. लालू को चारा घोटाले के पांचवे केस में 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था.
इससे पहले, लालू को चारा घोटाला से संबंधित 4 और मामलों में सजा हो चुकी है. फिलहाल लालू झारखंड के रिम्स हॉस्पिटल में हैं.
झारखंड के रिम्स हॉस्पिटल में भर्ती लालू को ऑनलाइन सुनवाई के जरिए कोर्ट के सामने पेश किया गया. क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है.
लालू प्रसाद यादव के वकील देवर्षि मंडल और प्रभात कुमार ने अदालत में लालू को कम से कम सजा देने की गुहार लगाई. उनका कहना था कि लालू की उम्र 75 साल हो गई है. लेकिन कोर्ट ने उनके तर्कों को नहीं माना.
लालू प्रसाद यादव को पिछले साल जनवरी में AIIMS दिल्ली में शिफ्ट किया गया था. उन्हें तब निमोनिया के चलते रांची स्थित रिम्स से एम्स शिफ्ट किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लालू को बीपी, डायबिटीज और हार्ट संबंधी बीमारियों के अलावा, किडनी से जुड़ी बीमारियां हैं. उनकी किडनी में स्टोन भी डायग्नोस किया गया था. इसके अलावा, वो डिप्रेशन, थैलीसीमिया और प्रोस्टेट बढ़ने जैसी समस्याओं से भी ग्रसित हैं. उनका यूरिक एसिड भी बढ़ा रहता है.
इसके अलावा लालू को हड्डी संबंधी कई दिक्कते हैं, जैसे कि उनके दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत के साथ-साथ पैर की हड्डी की समस्या भी रहती है. लालू प्रसाद यादव ब्रेन से जुड़ी समस्या और आंख में भी परेशानी से जूझ रहे हैं.
लालू प्रसाद के डॉक्टर्स ने पिछले साल ही बताया था कि उनकी किडनी फोर्थ स्टेज यानी लास्ट स्टेज में है. यानी लालू की किडनी का सिर्फ 25 प्रतिशत ही काम कर रही हैं. इन सबके चलते लालू तब से लेकर अभी तक रांची स्थित अस्पताल में इलाज करवा रहे थे.
पिछले साल 5 जुलाई, 2021 को लालू प्रसाद यादव ने जमानत पर रिहा होने के बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. उन्होंने ये संबोधन RJD के 25 वें स्थापना दिवस पर किया था. तब लालू को देखकर हर कोई भौंचक्का रह गया था. क्योंकि लालू के चेहरे में उनके खराब स्वास्थ्य की झलक देखी जा सकती थी. हालांकि, उन्होंने तब काफी समय तक लोगों से बात की. लेकिन, उनके बोलने के तरीके में उनकी नाजुक हालत देखी जा सकती थी. वो बोलने में असमर्थ दिख रहे थे.
लालू को रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सजा सुनाई गई है. ये मामला 1996 में दर्ज किया गया था, जिसमें 170 लोग आरोपी थी. इनमें से 55 की मौत हो चुकी है. 7 लोगों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया था. इसके अलावा, दो लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने कोर्ट का फैसला आने से पहले ही अपना दोष मान लिया था.
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