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एम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए एलजी और नीति आयोग के सीईओ की बैठक

बैठक में एम्स विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी को लेकर किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी ली

IANS
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दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली स्थित एम्स को विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी में परिवर्तित करने के लिए मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहा है। बुधवार को इस कार्य की समीक्षा की गई। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नीति आयोग के सीईओ के साथ एक बैठक में एम्स विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी को लेकर किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी ली।

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि बुधवार को उन्होंने सीईओ नीति आयोग, वीसी डीडीए , डॉ रणदीप गुलेरिया-एम्स और एम्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एम्स को विश्व स्तर के मेडिकल यूनिवर्सिटी में पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता की।

फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली को विश्व स्तरीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी थी।

एम्स (नई दिल्ली) में एमबीबीएस स्नातक डिग्री स्तर पर बुनियादी चिकित्सा पाठ्यक्रम है। इसके बाद सामान्य सर्जरी, सामान्य आंतरिक चिकित्सा, बाल रोग और अन्य क्षेत्रों में मास्टर डिग्री स्तर की विशेषज्ञता होती है।

सुपरस्पेशलिटी वे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र हैं जिनके चिकित्सकों को स्नातकोत्तर पूरा करने के बाद विशेष प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है, उदाहरण कार्डियोथोरेसिक और संवहनी सर्जरी, रुमेटोलॉजी, न्यूरोलॉजी और बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी हैं। एम्स (नई दिल्ली) में उच्च मास्टर डिग्री स्तर पर कम से कम 45 सुपरस्पेशलिटी हैं। एम्स एमएससी और पीएचडी स्तर के शोध पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है।

एम्स (नई दिल्ली) में लगभग 42 विशेष स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित हैं। प्रवेश एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगी परीक्षा, एम्स पीजी के माध्यम से होता है, जो हर छह महीने में आयोजित होता है।

प्रत्येक वर्ष देश भर में लगभग 50 हजार चिकित्सा स्नातक और 25 हजार दंत चिकित्सक सीमित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, लगभग 1 फीसदी उम्मीदवारों को इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।

--आईएएनएस

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