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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में मंगलवार, 24 जनवरी को एक चार मंजिला आवासीय इमारत के गिरने (Lucknow Building Collapses) से बड़ा हादसा हो गया. यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पुष्टि की है कि हादसे में अबतक 3 शव बरामद किए गए हैं. डीजीपी डी.एस. चौहान ने बताया है कि इस इमारत के मलबे में 5-7 लोग अभी भी फंसे हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी डी.एस. चौहान ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी, जिस समय बिल्डिंग गिरी उस समय 8 परिवार बिल्डिंग के अंदर थे. हमारा अनुमान है कि 5-7 लोग अभी भी फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने में करीब 12-13 घंटे लगेंगे.
इससे पहले दिन में भूकंप आया था जिसे पूरे उत्तर भारत में महसूस किया गया. लोगों का दावा है कि भूकंप के बाद इमारत में दरारें आई थीं. हालांकि अभी अधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इमारत के गिरने का कारण भूकंप के झटके हैं या कुछ और.
मिली जानकारी के अनुसार गिरी इमारत के मलबे में स्थानीय नेता अमीर हैदर भी फंसे थे, जिन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन में बाहर निकाला गया है. हालांकि अमीर हैदर का परिवार अभी फंसा हुआ है. NDRF की टीम ने अमीर हैदर को मलबे से निकाल कर अस्पताल भेजा है.
बिल्डिंग गिरने पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इमारत अचानक गिर गई, राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. SDRF, NDRF की टीम मौके पर मौजूद है. 3 शव बरामद हुए हैं. लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
सीएमओ ऑफिस ने अपने एक ट्वीट में बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके उपचार के निर्देश दिए हैं. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है.
जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य का निर्देश दिया है. साथ ही कई अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
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