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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि ‘लवयात्री’ फिल्म का निर्माण कर लोगों की धार्मिक भावनाएं कथित रूप से आहत करने के मामले में हिंदी फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने खान को यह राहत दी।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले कहा था कि पिछले साल पांच अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी मिली थी और इसके बावजूद बिहार में प्राथमिकी दर्ज की गई और गुजरात के वडोदरा में एक आपराधिक शिकायत लंबित है।
सलमान की ओर से पेश हुए वकील ने इससे पहले कहा था कि सीबीएफसी से जब प्रमाणपत्र मिल जाता है तो निर्माता को सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की मंजूरी मिल जाती है और किसी फिल्म के नाम या गाने को लेकर ऐसी व्यक्तिगत धारणा के आधार पर कोई आपराधिक कानून नहीं लगना चाहिए।
फिल्म के खिलाफ 2018 में कई व्यक्तिगत आपराधिक शिकायतें दर्ज की गईं जिसमें आरोप है कि फिल्म के नाम से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
फिल्म का नाम पहले ‘लवरात्रि’ था लेकिन ‘नवरात्रि’ जैसी मिलती-जुलती ध्वनि को ध्यान में रखते हुए निर्माताओं ने इसका नाम बदलकर ‘लवयात्री’ कर दिया था।
फिल्म में सलमान के जीजा आयुष शर्मा और अभिनेत्री वरीना हुसैन ने अभिनय किया है।
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