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मुंबई, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| बंबई उच्च न्यायालय ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के संबंध में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पी. पुरोहित और 13 अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। पुरोहित ने निचली अदालत के उस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें उनपर मामले में 'क्रिटिकल प्री-ट्रायल' के तहत पांच सितंबर को आरोप तय किए जाने हैं।
29 अगस्त को, एनआईए के विशेष न्यायाधीश विनोद पादलकर ने आदेश दिया था कि मालेगांव मामले में पुरोहित और बाकी 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने के अलावा, पुरोहित ने अदालत से गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम की प्रयोज्यता पर कोई अंतिम निर्णय लिए जाने तक कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की, जिसके तहत साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत 14 मुख्य अरोपियों को आरोपित किया गया है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों और अन्य कानूनों के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
नासिक के भीड़-भाड़ वाले मुस्लिम बहुल इलाके मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को मोटरसाइकिल में लगाए गए कम तीव्रता वाले बम में विस्फोट किया गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
नौ वर्षो तक हिरासत में बिताने के बाद पुरोहित को 2017 में जमानत मिली थी और वह इस समय दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित मिलिट्री स्टेशन में तैनात हैं।
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