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संकट से घिरे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ बातचीत करने के बाद दिया है. सुबह ही खडसे ने मुख्यमंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात की थी.
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें स्पष्ट और कड़े संकेत दिए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफे का फैसला किया. आलाकमान से उन्हें संदेश दे दिया गया था कि उनके पास इस्तीफा देने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा है. उनके पद पर बने रहने से मंत्रालय की छवि खराब होगी जिसकी कमान भाजपा संभाल रही है.
दो दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह को इस मुद्दे की जानकारी दी थी.
राज्य कैबिनेट में अहम जिम्मेदारियों को संभालने वाले और सरकार में ‘नंबर दो’ पर समझे जाने खडसे पिछले कुछ समय से विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे थे. जिनमें पुणे में जमीन घोटाला, अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के कराची स्थित आवास से खडसे को फोन आने और उनके ‘पीए’ द्वारा कथित रूप से रिश्वत मांगे जाने समेत विभिन्न मामले शामिल हैं.
न केवल विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी बल्कि सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी मांग की थी कि खडसे को कैबिनेट से निकाला जाए.
खडसे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अभी तक कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाया है. उन्होंने कहा की नैतिकता के आधार पर ये इस्तीफा दिया है.
खडसे ने इस्तीफे के बाद कहा कि मैं 40 वर्षों से राजनीति में हूं, लेकिन ऐसा मीडिया ट्रायल पहले कभी नहीं देखा. मैं मुख्यमंत्री से गुजारिश करता हूं कि इस मामले की पूरी तरह से छानबीन की जाए. यदि आप लोगों (मीडिया) को कोई सबूत मिलता है तो मुझे भी दीजिए.
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुक्ति नगर में खडसे के समर्थकों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया और सड़कें जाम कर दी. जिससे यातायात ठप पड़ गया.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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