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पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कैबिनेट में फेरबदल किया है. इसके बाद कुल 9 नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी गई है. इसमें पूर्व बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को भी मंत्री बनाया गया है.
सुप्रियो के अलावा जिला स्तर के टीएमसी नेताओं को भी मंत्री बनाया गया, इसमें स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा और प्रदीप मजूमदार का नाम शामिल है. राजभवन में आयोजित एक छोटे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में राज्यपाल एल गणेशन ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई.
इन पांच मंत्रियों के शपथ लेने के बाद, चार अन्य नेताओं ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली, इसमें बीरबाहा हांसदा, बिप्लब रौचौधुरी, ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन का नाम शामिल है. हांसदा और बिप्लब रॉयचौधरी को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.
बाबुल सुप्रियो ने 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी. हालांकि, 18 सितंबर, 2021 को वे टीएमसी में फिर शामिल हो गए थे. इसके बाद वे बालीगंज से भी उपचुनाव जीत कर विधायक चुने गए थे.
एक्सप्रेस के अनुसार, टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- "ममता बनर्जी चाहती थीं कि नए मंत्रिमंडल में युवा ज्यादा हो, यही कारण है कि तुलनात्मक रूप से युवा चेहरों- बाबुल सुप्रियो, पार्थ भौमिक और स्नेहाशीष चक्रवर्ती को नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है."
वहीं दूसरी ओर टीएमसी नेताओं के एक वर्ग की राय थी कि ममता की कैबिनेट में पिछले ग्यारह सालों में हमेशा कोलकाता के नेताओं का ही दबदबा रहा, लेकिन इस बार जिले के नेताओं को भी उतना ही महत्व दिया गया है.
माना जा रहा है कि नौकरी घोटाले की जांच से पार्टी की छवि खराब होने के बाद ममता बनर्जी ने कैबिनेट में फेरबदल किया है. पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को पिछले हफ्ते ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.
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