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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 उम्मीदवारों (14 फीसदी) के पास पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है।
एडीआर ने सभी 173 उम्मीदवारों के स्वयं घोषित किए गए शपथ पत्रों का विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट जारी की और कहा कि 37 उम्मीदवारों (21 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 27 (16 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर विश्लेषण के अनुसार, प्रमुख दलों में 38 भाजपा उम्मीदवारों में से 10 (26 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं, इसके बाद जद (यू) के 28 उम्मीदवारों में से पांच (18 प्रतिशत), कांग्रेस के 35 उम्मीदवारों में से चार (11 प्रतिशत) और एनपीपी के 27 उम्मीदवारों में से दो (सात प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का विधानसभा चुनाव के पहले चरण के उम्मीदवारों के चयन में पार्टियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि वे आपराधिक मामलों वाले लगभग 21 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देना जारी रखे हुए हैं।
28 फरवरी को पहले चरण के चुनाव में लड़ने वाले 173 उम्मीदवारों में से 91 (53 फीसदी) करोड़पति हैं। 24 उम्मीदवारों (14 फीसदी) के पास पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक की संपत्ति है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावों में धनबल की भूमिका इस बात से स्पष्ट होती है कि सभी प्रमुख दल धनी उम्मीदवारों को टिकट देते हैं।
प्रमुख दलों में एनपीपी के 27 उम्मीदवारों में से 21 (78 प्रतिशत), भाजपा के 38 उम्मीदवारों में से 27 (71 प्रतिशत), कांग्रेस के 35 उम्मीदवारों में से 18 (51 प्रतिशत) और जद (यू) द्वारा खड़े किए गए 28 उम्मीदवारों में से 14 (50 प्रतिशत) ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
पहले चरण का चुनाव लड़ने वाले प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति 2.51 करोड़ रुपये है। सेकमाई (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे राकांपा उम्मीदवार निंगथौजम पोपिलाल सिंह ने अपने हलफनामे में शून्य संपत्ति घोषित की है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 37 (21 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने कक्षा 5 से 12 के बीच अपनी शैक्षणिक योग्यता घोषित की है, जबकि 133 (77 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री होने की घोषणा की है। तीन उम्मीदवार ऐसे हैं जो डिप्लोमा-डिग्री धारक हैं। कुल मिलाकर, 23 (13 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि 115 (66 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने 41 से 60 वर्ष के बीच की आयु घोषित की है।
33 (19 प्रतिशत) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है और दो उम्मीदवारों ने घोषित किया है कि वे 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 173 उम्मीदवारों में से 15 (9 फीसदी) महिला उम्मीदवार चुनावी जंग में हैं।
60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा के लिए दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान होगा और मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
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