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Manipur Violence: अब तक 213 लोगों की मौत, 259 अवैध म्यांमार शरणार्थी भेजे गए वापस

Manipur Violence पर प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा में जवाब दिया.

क्विंट हिंदी
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<div class="paragraphs"><p>मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह</p></div>
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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह

(फोटो: X/@NBirenSingh)

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मणिपुर (Manipur) के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि अबतक राज्य से 259 अवैध म्यांमार के शरणार्थियों को वापस भेजा गया है. राज्य में 6746 अवैध प्रवासियों की पहचान की गयी है. राज्य में पिछले साल से जारी हिंसा में अब तक 213 लोग मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि म्यांमार में 1 फरवरी, 2021 से शुरु हुए गृहयुद्ध के बाद अबतक राज्य में 6487 शरणार्थी आए हैं .

मणिपुर में 10 महीने से ज्यादा समय से हिंसा का दौर जारी

मणिपुर में पिछले साल मई महीने में शुरू हुआ हिंसा का दौर अभी भी जारी है. प्रदेश में रुक-रुककर हिंसा की खबरें आती रहती हैं. इस बीच सोमवार, 4 मार्च को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधानसभा में बताया कि 6,746 अवैध म्यांमार प्रवासियों में से 259 को उनके देश वापस भेज दिया गया है. उनका बायोमेट्रिक लेने के बाद यह कार्यवाही की गयी है.

राज्य में 3 मई 2023 को शुरू हुई जातीय हिंसी में अब 213 लोग मारे गए हैं. मृतकों में 20 महिलाएं और 8 बच्चे हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि म्यांमार में 1 फरवरी 2021 में सेना के द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद वहां गृह युद्ध शुरू हो गया. जिसकी वजह से वहां से सेना की कार्यवाही से बचने के लिए म्यांमार से शरणार्थी आने लगे. इन शरणार्थियों में वैध और अवैध दोनों तरह के प्रवासी हैं.

मारे जातीय हिंसा में मारे गए 114 लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया गया है बाकी को सत्यापन करन के बाद दिया जायेगा.
एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री

इसके साथ ही उन्होंने जातीय संघर्ष में आंतरिक रुप से विस्थापित लोगों के बारे में बताया कि उनके लिए 320 राहत शिविर बनाए गए हैं. मई तक इन लोगों को शिवरों से उचित स्थानों पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

कांग्रेस विधायक टी. लोकेश्‍वर सिंह और कीशम मेघचंद्र के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय संकट से प्रभावित बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म और पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं, जबकि फीस में भी छूट दी गई है. सिंह ने कहा कि श्रम विभाग के तहत हिंसा से प्रभावित प्रत्येक घर को 5,000 रुपये की सहायता दी गई.

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