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महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण पर बड़ा कदम उठाया है. इसके मुताबिक मराठाओं को रिजर्वेशन दिया जाएगा. उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा (SEBC) माना गया है. मराठाओं को दिए जाने वाले आरक्षण से मौजूदा आरक्षण व्यवस्था में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कैबिनेट ने इन प्रावधानों को मंजूरी दे दी है. अब विधानसभा में मामला पहुंचेगा.
महाराष्ट्र के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार को तीन रिकमेंडेशन दी थीं.
ये तीनों रिकमेंडेशन सरकार ने मान ली हैं. मराठा आरक्षण के लिए सोशल एंड इकनॉमिक बैकवर्ड कैटेगरी (SEBC) नाम से एक कैटेगरी बनाई जाएगी जिसके लिए सरकार ने इसके लिए एक सबकमेटी भी गठित कर दी है.
धनगर समुदाय के लोग ST कैटेगरी में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर भी राज्य सरकार को रिपोर्ट मिल चुकी है. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इस काम के लिए केंद्र सरकार ही कानून बना सकती है. इसलिए राज्य सरकार, केंद्र से इस बारे में संपर्क करेगी.
सरकार का कहना है कि कुछ लोग आरक्षण पर राजनीति कर रहे हैं. इसके जरिए वे समुदायों के बीच टकराव पैदा कर रहे हैं. इसमें विपक्षी पार्टियां भी शामिल हैं.
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