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गृह मंत्रालय (MHA) ने अपने फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट (FCRA) की वेबसाइट से कुछ महत्वपूर्ण डेटा को हटा दिया है. जिसमें उन गैर सरकारी संगठनों (NGOs) की सूची शामिल है, जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और गैर सरकारी संगठनों (NGOs) के वार्षिक रिटर्न (Annual Returns) शामिल हैं.
गृह मंत्रालय की ओर से इस कदम पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी गई है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि डीलीट किया गया डेटा आम लोगों के लिए "अनावश्यक" माना गया था.
यह डेटा डिलीट करने के बाद वेबसाइट पर अब केवल इन सूचकांकों का सारा डेटा है. इन एनजीओ की पहचान करने वाली सूची को हटा दिया गया है और एनजीओ के वार्षिक रिटर्न तक जानने का कोई रास्ता नहीं है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने एक्सप्रेस को बताया कि, “जो भी डेटा उपयोगी था या अनावश्यक था उसे हटा दिया गया है. लाइसेंस खो चुके एनजीओ की संख्या और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने वाले एनजीओ की संख्या पर सारे डेटा को वैसा ही रखा गया है.
सरकार ने इससे संबंधित एक अधिसूचना पहले ही जारी कर दी थी. 1 जुलाई को मंत्रालय ने "एनजीओ पर बोझ को कम करने के प्रयास" में एफसीआरए नियमों में कई बदलावों को अधिसूचित किया था. इनमें नियम 13 में बदलाव शामिल हैं जो "विदेशी डोनेशन की प्राप्ति की घोषणा" से संबंधित हैं. सरकार ने नियम के खंड (बी) को हटा दिया. इसमें कहा गया है: “वित्तीय वर्ष की एक तिमाही में विदेशी डोनेशन प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर या केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट वेबसाइट पर तिमाही के अंतिम दिन के 15 दिनों के अंदर विदेशी डोनेशन का विवरण देंगे. इसमें डोनर्स का डेटा, प्राप्त राशि और उस तारीख को लेकर डिटेल देनी होगी.
कुछ गैर सरकारी संगठनों ने कहा कि यह एक "अजीब" बदलाव है.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में मंत्रालय ने मदर टेरेसा मिशनरी ऑफ चैरिटी के एफसीआरए लाइसेंस को रिन्यू करवाने के आवेदन को खारिज कर दिया था. इससे पहले कई बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि यह एनजीओ धार्मिक परिवर्तन में शामिल हैं. लेकिन विपक्ष की आलोचना के बाद एनजीओ को लाइसेंस दे दिया गया था. वहीं इसी साल जनवरी में भी ऑक्सफेम इंडिया के लाइसेंस को भी रिन्यू करने वाली अर्जी को खारिज कर दिया था और कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के तो लाइसेंस को ही रद्द कर दिया था.
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